क्या वाकई काली बिल्ली का रास्ता काटना होता है अशुभ? जानें इसके पीछे की कहानी
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क्या वाकई काली बिल्ली का रास्ता काटना होता है अशुभ? जानें इसके पीछे की कहानी

Superstition: आपमें से कई लोग बिल्ली के रास्ता काटते ही कुछ देर वहां ठहर जाते होंगे. भारत में बिल्ली का रास्ता काटना किसी अपशगुन का संकेत माना जाता है. अब इस बात में कितनी सच्चाई है चलिए जानते हैं इस आर्टिकल में. 

 

क्या वाकई काली बिल्ली का रास्ता काटना होता है अशुभ? जानें इसके पीछे की कहानी

नई दिल्ली: Superstition:तंत्र विद्या में बिल्ली को बेहद ही महत्वपूर्ण जीव माना गया है. मान्यता है कि अगर वह आपके घर में आकर रोने लगे तो इससे आपके या आपके परिवार के साथ कोई अनहोनी हो सकती है. वहीं बिल्लियों का आपस में लड़ना-झगड़ना भी धन हानि या लड़ाई-झगड़े का संकेत देता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार काली बिल्ली का रास्ता काटना बेहद अशुभ माना जाता है. ऐसे में कई लोग बिल्ली के रास्ता काटते ही कुछ देर ठहर जाते हैं और किसी दूसरे के रास्ता पार करने पर ही अपने कदम बढ़ाते हैं.    

  1. बिल्ली का रास्ता काटना होता है अपशगुन 
  2. राहु की सवारी मानी जाती है काली बिल्ली 

क्यों माना जाता है बिल्ली को अपशगुन 
ज्योतिषी में बिल्ली को राहु की सवारी माना गया है. जीवन में राहु का आगमन बेहद ही अशुभ माना जाता है. ऐसे में राहु की सवारी होने के चलते बिल्ली का रास्ता काटना भी अशुभ माना गया है. मान्यता है कि राहु के आने से जिस तरह जीवन में दुर्घटनाएं होती हैं वैसे ही काली बिल्ली के रास्ता काटने से भी जीवन में कई अशुभ चीजें होने लगती हैं. 

बिल्ली का रास्ता काटना कब होता है अशुभ 
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुत्तों की तरह ही बिल्लियों की भी छठी इंद्री काफी विकसित होती है. इसलिए ये भविष्य में होने वाली घटनाओं को पहले से ही जान लेती हैं. बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ तब माना जाता है जब वह बाईं ओर रास्ता काटते हुए दाईं ओर जाती है. अन्य किसी स्थिति में बिल्ली का रास्ता काटना अपशगुन नहीं माना जाता है.  

मिथ या सच्चाई 
एक ओर जहां कई लोग काली बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ मानते हैं तो वहीं कई जगहों पर इसे अंधविश्वास भी बोला जाता है. दरअसल पुराने समय में जब लोग रास्ते से जा रहे होते थे तो काली बिल्ली के रास्ता काटने पर वे अनुमान लगाते थे कि इसके पीछे कोई जानवर पड़ा होगा. इस कारण से ये वहीं पर ही कुछ देर ठहर जाते थे या फिर रास्ते से पीछे हट जाते थे. इसके अलावा रात के समय जानवर काली बिल्ली की आंखों को देखकर डरकर भागने लगते थे. ऐसे में अपने जानवरों को शांत करने के लिए लोग थोड़ी देर रास्ते में रुक जाते थे. आगे चलकर इसे ही शुभ-अशुभ माना जाने लगा. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.    

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श्रुति कौल

ज़ी न्यूज में सब एडिटर. वनस्थली विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. ये राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विज्ञान और ट्रेवल से जुड़े विषयों पर लिखती हैं. लि...और पढ़ें

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