China F-7 Jet Crashed in Bangladesh: चीन ने कबाड़ हो चुके F-7BGI लड़ाकू विमानों को बांग्लादेश को बेचकर मुनाफा कमाया. चीन ने बांग्लादेश को 2022 में 36 F-7BGI जेट बेचे, फिर 2023 में इन्हें अपनी वायुसेना से रिटायर करना शुरू कर दिया था. ये विमान पहले भी कई हादसों का शिकार हो चुके हैं, जैसे- जून 2022 में चीन के हुबेई में एक J-7 रिहायशी इमारत से टकरा गया था. फिर भी चीन ने बांग्लादेश जैसे सहयोगी देश को पुराने विमानों को बेचकर धोखा दिया.
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China F-7 Jet Crashed in Bangladesh: चीन किसी का सगा नहीं, ना पाकिस्तान का और ना ही बांग्लादेश का. चीनी हथियारों ने BLA और इंडियन एयरफोर्स के सामने पाक की फजीहत करवाई ही थी. अब बांग्लादेश में चीन द्वारा बनाया गया F-7BGI फाइटर जेट क्रैश हो गया. चीन ने बांग्लादेश को साल 2022 में 36 F-7BGI लड़ाकू विमान भेजे थे. एक-एक जेट की कीतम अनुमानित रूप से 12 से 21 करोड़ रुपये के बीच थी. लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि एक साल बाद ही चीन ने अपने यहां से इस श्रेणी के जेट्स को रिटायर करना शुरू कर दिया था.
2022 में बांग्लादेश को बेचे, 2023 में हुआ रिटायर का फैसला
सबसे पहले तो ये समझ लें कि J-7 और F-7 एक ही श्रेणी के लड़ाकू विमान है. चीन अपने यहां तो इसे J-7 कहता है और इसके एक्सपोर्ट मॉडल को F-7 कहा जाता है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वायुसेना ने J-7 लड़ाकू विमान को 2023 में रिटायर करने का फैसला कर लिया था. यूरेशियन टाइम्स की साल 2023 की रिपोर्ट बताती है कि चीन ने 2018 से इस विमान को धीरे-धीरे हटाना शुरू किया था. विशेषज्ञों का कहना है था इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा. इसका कारण था कि ये विमान कई हादसों का शिकार हुआ और चीन अब आधुनिक और उन्नत लड़ाकू विमानों का उत्पादन कर रहा था
पहले भी कई बार हुए हादसे
जून 2022 में चीन के हुबेई प्रांत के शियांगयांग में एक J-7 विमान ट्रेनिंग के दौरान रिहायशी इमारत से टकरा गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और दो घायल हुए. ये पहला वाकया नहीं था, इससे पहले ये जेट ईरान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी हादसों का शिकार हुआ था. इसी साल जून महीने में म्यांमार में भी तकनीकी खराबी के कारण F-7 जेट दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, तब 4 लोगों की मौत हुई थी.
चीन ने अपने ही दोस्त के साथ की चालाकी
कुछ विशेषज्ञों ने माना था कि इन चीन J-7 विमानों को ड्रोन में बदल सकता है, जो ताइवान जैसे क्षेत्रों में एयर डिफेंस सिस्टम को गच्चा देने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. लेकिन यहां पर बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि चीन ने 2018 से ही इस जेट को हटाना शुरू कर दिया था, तो फिर बांग्लादेश को यही 36 विमान क्यों बेचे? स्पष्ट है कि चीन ने मुनाफे के लिए अपने ही करीबी देश को धोखा दिया था.