चीन के लिए सिरदर्द बन गया था US का बंकर बस्टर, आखिरकार वैज्ञानिकों ने ढूंढ ही लिया पुख्ता इलाज
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चीन के लिए सिरदर्द बन गया था US का बंकर बस्टर, आखिरकार वैज्ञानिकों ने ढूंढ ही लिया पुख्ता इलाज

China found Drawback in Bunker Buster: अमेरिका का GBU-57 बंकर बस्टर बम धीमा लेकिन भारी विस्फोटक से भरा है. इसका अगला हिस्सा मोटा है, लेकिन बगल की स्टील पतली है. चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि यहां पर अटैक किया जाए तो ये बम नष्ट हो सकता है. यह तरीका चीन में काम कर सकता है, मगर दूसरे देशों में मुश्किल है.

चीन के लिए सिरदर्द बन गया था US का बंकर बस्टर, आखिरकार वैज्ञानिकों ने ढूंढ ही लिया पुख्ता इलाज

China found Drawback in Bunker Buster: दुनिया के लिए बंकर बस्टर बम चुनौती बनते जा रहे हैं. खासकर चीन के लिए अमेरिकी बंकर बस्टर सिरदर्द हैं, जिनका तोड़ ढूंढने के लिए ड्रैगन ने दिन-रात एक कर रखा है. अमेरिका का GBU-57A/B MOP ( Massive Ordnance Penetrator) एक खतरनाक बंकर बस्टर है, जो धीमी गति से उड़ता है लेकिन भारी विस्फोटक से भरा होता है. ये बम मोटी स्टील की परत से लिपटे होते हैं, जो इन्हें बेहद मजबूत बनाती है.

  1. चीन ने खोजा बंकर बस्टर का इलाज
  2. वैज्ञानिकों ने बता दी इसकी कमजोरी

छोटे देश नहीं कर पाते बंकर बस्टर का मुकाबला
अमेरिका ने 22 जून को ईरान पर भी  B-2 स्टील्थ बॉम्बर से हमला किया था, ईरान भी बाकी छोटे देशों की तरह इसका मुकाबला नहीं कर पाया. लेकिन अब चीन ने US के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है. SCMP की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने बंकर बस्टर से निपटने का इलाज ढूंढ लिया है. चलिए, समझते हैं कि आखिरकार

चीन के वैज्ञनिकों ने खोज लिया तोड़
चीन के शोधकर्ताओं ने एक आसान तरीका सुझाया है. उन्होंने बताया कि इन बमों का अगला हिस्सा बहुत मजबूत होता है, लेकिन बगल की स्टील की परत पतली होती है, जो सिर्फ कुछ सेंटीमीटर मोटी है. इसका मतलब है कि साधारण हमले से भी इनके इस हिस्से को निशाना बनाकर बम को नष्ट किया जा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि एक या दो तोप के गोले बम को नष्ट कर सकते हैं. इसके लिए छोटे देशों को महंगे हथियार नहीं खरीदने होंगे.

चीन ने किया ये प्रयोग
चीन के शोधकर्ताओं ने स्विट्जरलैंड की ओर्लिकॉन GDF तोपों का कंप्यूटर सिमुलेशन में इस्तेमाल किया.यह तोप दो सेकंड में 36 गोले दाग सकती है. अगर बम 1200 मीटर की दूरी पर हो, तो उसे नष्ट करने की संभावना 42 प्रतिशत तक होती है. ये तोपें सस्ती हैं और आसानी से तैनात की जा सकती हैं. लेकिन इन तोपों को बचाने, रडार से बम को ट्रैक करने और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का सामना करने की जरूरत होती है.  

आसान नहीं बम को निशाना बनाना
यह तरीका आसान लगता है, लेकिन युद्ध में कई मुश्किलें हैं. अगर दुश्मन पहले तोपों पर बड़े हमले कर दे, तो यह मुमकिन नहीं हो पाएगा. स्मार्ट बम आखिरी पल में अपनी दिशा बदल सकते हैं, जिससे निशाना लगाना मुश्किल हो जाता है. साथ ही 1200 मीटर की दूरी का मौका सिर्फ एक पल के लिए मिलता है. बीजिंग के एक वैज्ञानिक का कहना है कि यह तरीका चीन में काम कर सकता है, लेकिन दूसरे देशों में इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है. चीन और बाकी देशों की तकनीक में फर्क है.

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