Watad Industrial Area: अनिल अंबानी की हालिया डील के तहत रिलायंस डिफेंस महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वटद इंडस्ट्रियल एरिया में आधुनिक कारखाना बनाएगी. यह कारखाना वल्कानो 155 मिमी प्रेसिजन-गाइडेड मुनिशन सिस्टम बनाएगा.
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Reliance Defence Deal With Diehl Defence: अनिल अंबानी (Anil Ambani) का रुका हुआ बिजनेस धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. उनका 'विजय रथ' अपने अभियान पर निकल पड़ा है. पिछले दिनों बैंकों का कर्ज चुकाने के बाद उनकी कंपनियां लगातार डील पर डील कर रही हैं. छोटे अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस (Reliance Defence) ने जर्मनी की डाइहल डिफेंस (Diehl Defence) कंपनी के साथ करार कर भारतीय सेना के लिए आधुनिक हथियार बनाने का करार किया है. इस साझेदारी से देश में नेक्सट जेनरेशन हथियार सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी.
डाइहल कंपनी हथियारों की तकनीक में दुनियाभर में मशहूर
इस डील के तहत रिलायंस डिफेंस महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वटद इंडस्ट्रियल एरिया (Watad Industrial Area) में बड़ा और आधुनिक कारखाना बनाएगी. यह कारखाना वल्कानो 155 मिमी प्रेसिजन-गाइडेड मुनिशन सिस्टम (Vulcano 155 mm Precision Guided Munition System) बनाएगा. यह खास तरह का हथियार बहुत सटीक निशाना लगाता है. डाइहल डिफेंस की तरफ से इस प्रोजेक्ट में तकनीकी मदद की जाएगी. यह कंपनी हथियारों की तकनीक में दुनियाभर में मशहूर है.
‘मेक इन इंडिया’ की मुहिम को भी बढ़ावा मिलेगा
इस डील पर अनिल अंबानी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह करार देश की डिफेंस प्रोडक्शन कैपिसिटी (Defense Production Capacity) को बढ़ाएगा और रिलायंस डिफेंस को वैश्विक रक्षा आपूर्ति में खास जगह दिलाएगा. प्रोजेक्ट से देश में बने हथियारों में 60 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय होगा, इसके जरिये ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा.
5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्लान
आपको बता दें रिलायंस डिफेंस की तरफ से आने वाले पांच साल के दौरान रत्नागिरी में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्लान है. कंपनी 30 प्रतिशत पैसा अपनी आमदनी से और 70 प्रतिशत कर्ज के जरिये जुटाएगी. कारखाने से अगले 18 महीने में प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. इससे पहले मई के महीने में रिलायंस डिफेंस ने जर्मनी की एक और कंपनी राइनमेटल एजी के साथ करार किया था.
10,000 करोड़ रुपये की कमाई का मौका
यह डील मिड और लार्ज साइज हथियारों के लिए विस्फोटक और प्रोपेलेंट बनाने के लिए थी. रिलायंस डिफेंस का टारगेट है कि अगले 12 से 24 महीने में वह देश की शीर्ष तीन प्राइवेट डिफेंस एक्सपोर्ट कंपनियों में शामिल हो जाए. कंपनी डील और राइनमेटल जैसी कंपनियों के साथ 5 से 10 साल के लंबे करार की योजना बना रही है. इससे 10,000 करोड़ रुपये की कमाई का मौका मिल सकता है.