Maharana Pratap: महाराणा प्रताप सिर्फ नाम नहीं, एक जुनून! हिला दी थी मुगलों की सल्तनत
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Maharana Pratap: महाराणा प्रताप सिर्फ नाम नहीं, एक जुनून! हिला दी थी मुगलों की सल्तनत

Maharana Pratap Birth Anniversary: महाराणा प्रताप जयंती सिर्फ उनके जन्म की याद नहीं है; यह उनके गौरव, बहादुरी और अत्याचार के खिलाफ लड़ने की इच्छा का उत्सव है.

Maharana Pratap: महाराणा प्रताप सिर्फ नाम नहीं, एक जुनून! हिला दी थी मुगलों की सल्तनत

Maharana Pratap Rajput Ruler: महाराणा प्रताप की वीरता की कहानी साहस, दृढ़ संकल्प और अपनी मातृभूमि के प्रति अटूट प्रेम से भरी हुई है. उनका नाम इतिहास में एक ऐसे योद्धा के रूप में अमर है, जिन्होंने मुगल साम्राज्य के सामने कभी हार नहीं मानी.

महाराणा प्रताप बहादुरी का दूसरा नाम हैं. अकबर के खिलाफ उनका खड़ा होना और उनके वफादार घोड़े, चेतक की बहादुरी तो जगजाहिर है. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है. उनका जन्म 9 मई, 1540 को हुआ था. जब दूसरों ने अकबर की ताकत को मान लिया था, तब भी महाराणा प्रताप मुगल साम्राज्य के सामने चट्टान की तरह खड़े रहे.

महाराणा प्रताप बर्थ एनिवर्सरी 2025: तारीख

जूलियन कैलेंडर के मुताबिक, महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को हुआ था. हालांकि, बाद में जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर आ गया, और उसके अनुसार महाराणा प्रताप की जन्मतिथि 19 मई, 1540 है.

आजकल, महाराणा प्रताप जयंती मनाने के लिए हिंदू कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है. दृक पंचांग के मुताबिक, इस साल महाराणा प्रताप जयंती 29 मई को मनाई जाएगी.

महाराणा प्रताप जयंती 2025: इतिहास

महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान में हुआ था. उनके पिता उस समय मेवाड़ के राजा, महाराणा उदय सिंह द्वितीय थे. 25 भाई-बहनों में सबसे बड़े होने के कारण, प्रताप को युवराज कहा जाता था. अपने पिता की मृत्यु के बाद वे मेवाड़ के सिंहासन के उत्तराधिकारी बने.

मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप और राजपूत राजा मानसिंह के नेतृत्व वाली अकबर की सेना के बीच हल्दीघाटी के युद्ध में मुकाबला हुआ. हालांकि अंततः महाराणा प्रताप को पीछे हटना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी बहादुरी के लिए बहुत सम्मान और प्रशंसा अर्जित की.

इसलिए, उनकी जयंती हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि, जो हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है, को महाराणा प्रताप जयंती के रूप में मनाई जाती है. जनवरी 1597 में शिकार के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद, 56 साल की उम्र में 29 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई.

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महाराणा प्रताप वर्थ एनिवर्सरी 2025: महत्व और उत्सव

महाराणा प्रताप जयंती सिर्फ एक ऐतिहासिक व्यक्ति के जन्म की याद नहीं है; यह उनके गौरव, बहादुरी और अत्याचार के खिलाफ लड़ने की इच्छा का उत्सव है. महाराणा प्रताप की अपने सिद्धांतों और अपने राज्य के प्रति अटूट निष्ठा एक ऐसी प्रेरणा है जो हमेशा बनी रहती है.

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