Success Story: भाई की मौत से लगा गहरा सदमा, डॉक्टर बनने की ठान शुरू की NEET की तैयारी, ऐसे ऑटो ड्राइवर की बेटी 5वें अटेंप्ट में बनी टॉपर
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Success Story: भाई की मौत से लगा गहरा सदमा, डॉक्टर बनने की ठान शुरू की NEET की तैयारी, ऐसे ऑटो ड्राइवर की बेटी 5वें अटेंप्ट में बनी टॉपर

Ruby Prajapati Success Story: गुजरात की रहने वाली रूबी प्रजापति ने छोटे भाई की मौत के बाद डॉक्टर बनने का संकल्प लिया, जिनके पिता ऑटो-रिक्शा ड्राइवर हैं. आइए उनकी संघर्ष से सफलता की कहानी के बारे में बताते हैं. 

 

Success Story: भाई की मौत से लगा गहरा सदमा, डॉक्टर बनने की ठान शुरू की NEET की तैयारी, ऐसे ऑटो ड्राइवर की बेटी 5वें अटेंप्ट में बनी टॉपर

Ruby Prajapati NEET Success Story: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) यूजी देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. जिसे हर साल मेडिकल और डेंटल प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है. नीट यूजी की परीक्षा में सफलता हासिल करना आसान नहीं है. खासकर उन छात्रों के लिए जिनके पास बुनियादी सुविधा तक की कमी होती है और उसके लिए उन्हें हर दिन जद्दोजहद करनी पड़ती है. कुछ ऐसी ही जर्नी रही है नीट यूजी में कई चुनौतियों के बाद सफलता हासिल करने वाली रूबी प्रजापति (Ruby Prajapati) की. आइए हम आपको इनकी रोंगटे खड़े कर देने वाली संघर्ष से सफलता तक की कहानी के बारे में बताते हैं. 

पिता ऑटो-रिक्शा ड्राइवर
रूबी प्रजापति मूल रूप से गुजरात की रहने वाली है. वो एक आर्थिक रूप से गरीब परिवार से आती है और उनके पिता ऑटो-रिक्शा ड्राइवर हैं, जिससे किसी तरह वो अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. वहीं, मां गृहिणी हैं. रूबी के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा एक बड़े भाई हैं. उनका एक छोटा भाई भी था, जिसकी किसी गंभीर बीमारी के कारण मौत हो गई थी. पैसों की तंगी के कारण उनके छोटे भाई का इलाज सही से नहीं हो सका था, जिस कारण उन्होंने अपने छोटे भाई को खो दिया था.

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भाई की मौत ने पहुंचाया गहरा सदमा 
भाई की मौत ने रूबी को पूरी तरह हिला कर रख दिया था और तभी उन्होंने डॉक्टर बनने का ठान लिया था. ताकि वो उनके जैसे गरीब और बेसहारा लोगों की मदद कर सकें. परिवार की इस तरह की स्थिति होने के कारण रूबी ने शुरू से ही अपने जीवन में कुछ अच्छा करने का मन बनाए रखा और कई तरह की परेशानियों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई का दामन कभी नहीं छोड़ा. उन्होंने सरकारी स्कूल से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद नीट यूजी की तैयारी के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन रूबी के लिए नीट में सफलता हासिल करने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. 

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पांचवें प्रयास में मिली सफलता 
रूबी नीट यूजी परीक्षा के पहले अटेंप्ट में फेल होने के साथ पहले चार अटेंप्ट में उन्हें एक के बाद एक सिर्फ निराशा मिली, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पांचवें प्रयास के लिए अपनी सभी गलतियों से सीख लेने के साथ तैयारी शुरू कर दी. उनके धैर्य और मेहनत का परिणाम रहा कि उन्होंने नीट यूजी 2023 की परीक्षा क्रैक किया. उन्होंने 635 अंक प्राप्त किए. इसी के साथ उनके डॉक्टर बनने के सपने को एक पंख लगा. वर्तमान में रूबी दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल वर्धमान मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई कर रहीं हैं. रूबी की सफलता सभी के लिए एक प्रेरणा है. 

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दीपा मिश्रा

दीपा ज़ी न्यूज में सब एडिटर. दरभंगा की रहने वाली दीपा मिश्रा ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत ज़ी न्यूज़ से की. एजुकेशन डेस्क पर काम कर रही हैं. पत्रकारिता के साथ नई जानकारियों को इकट्ठा ...और पढ़ें

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