रोजाना पीसकर खा लें ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी, दांत दर्द और बुखार को कहें- 'बाय-बाय'
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रोजाना पीसकर खा लें ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी, दांत दर्द और बुखार को कहें- 'बाय-बाय'

आकरकरा को आयुर्वेदिक गुणों का खजाना कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा. इसके सेवन से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती है. बस आपको सेवन का सही तरीका पता होना चाहिए. 

रोजाना पीसकर खा लें ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी, दांत दर्द और बुखार को कहें- 'बाय-बाय'

Akarkara Ke Fayde: आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं जो शरीर से कई परेशानियों को दूर करने में मददगार मानी गई हैं. ऐसी ही एक जड़ी बूटी अकराकर है. आयुर्वेदिक मेडिसिन में इसके जड़ से बने पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए सेवन करते वक्त खास सावधानी बरतनी चाहिए.

सालोंभर उगता है ये पौधा
आकरकरा को पाइरेथ्रम रूट (Pyrethrum root) के नाम से भी जाना जाता है, इसका वैज्ञानिक नाम 'एनासाइक्लस पाइरेथ्रम' (Anacyclus pyrethrum) है. ये एक बारहमासी पौधा है जो उत्तरी अफ्रीका, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और भारत में पाया जाता है. विशेष रूप से यह जम्मू-कश्मीर और बंगाल में भी पाया जाता है. आकरकरा एस्टेरेसी (सूरजमुखी) परिवार का एक जंगली पौधा है.

नेचुरल पेन किलर
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकराकर की जड़, बीज और पत्तों के अर्क में ऐसे यौगिक गुण हैं जो दर्द कम करने, सूजन घटाने और घाव भरने के लिए उपयोगी माने जाते हैं. इसे नेचुरल पेन किलर कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा. 

दांतों के लिए अच्छा
आयुर्वेद के मुताबिक, अकरकरा दांत दर्द और मसूड़ों की सूजन में तुरंत राहत देता है. इसके पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने या लौंग के तेल के साथ इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. साथ ही इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज घाव को भरने में काफी मदद कर सकते हैं. ये घाव के साथ-साथ उस हिस्से पर होने वाली सूजन को भी खत्म करने में मदद करता है.

बुखार उतारने में माहिर
अकरकरा में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो बुखार को कम करने में भी मददगार होते हैं. हिचकी को कम करने के लिए आकरकरा काफी फायदेमंद माना जाता है. अगर हिचकी ज्यादा परेशान करे तो आकरकरा के चूर्ण में शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, ये परेशानी होने पर आकरकरा चूर्ण को गुनगुने पानी में घोलकर भी सेवन किया जा सकता है.

इन बातों का रखें खास ख्याल
चरक संहिता में अकरकरा का उल्लेख एक अहमऔषधि के रूप में किया गया है. चरक संहिता में इसे अग्निवेश (घाव, सूजन को ठीक करने के लिए उपयोगी) के तौर पर शामिल किया गया है. इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं और पेट संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. एक्सपर्ट की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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