युवराज सिंह को हुआ था ये खतरनाक कैंसर, अगर दिखें ऐसे लक्षण तो तुरंत करवाएं चेकअप!
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युवराज सिंह को हुआ था ये खतरनाक कैंसर, अगर दिखें ऐसे लक्षण तो तुरंत करवाएं चेकअप!

भरतीय क्रिकेट के दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह ने न केवल मैदान पर अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया, बल्कि जिंदगी की सबसे बड़ी जंग जीतकर भी मिसाल कायम की. आइए जानते हैं उनको कौन-सा कैंसर था.

युवराज सिंह को हुआ था ये खतरनाक कैंसर, अगर दिखें ऐसे लक्षण तो तुरंत करवाएं चेकअप!

भरतीय क्रिकेट के दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह ने न केवल मैदान पर अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया, बल्कि जिंदगी की सबसे बड़ी जंग जीतकर भी मिसाल कायम की. साल 2011 में युवराज को एक दुर्लभ और खतरनाक कैंसर, 'मीडियास्टिनल सेमिनोमा' का पता चला था. यह कैंसर फेफड़ों के बीच छाती के टिशू को प्रभावित करता है और बेहद गंभीर होता है. हालांकि, युवराज ने हिम्मत नहीं हारी और कीमोथेरेपी के जरिए इस बीमारी को मात दी. उनकी इस जंग ने लाखों लोगों को प्रेरणा दी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कैंसर के लक्षण क्या हैं और इसे कैसे पहचाना जा सकता है?

मीडियास्टिनल सेमिनोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो मीडियास्टिनम (छाती के बीच) में पनपता है. यह आमतौर पर युवा पुरुषों में देखा जाता है और अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है. दिल्ली के मशहूर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अनिल शर्मा बताते हैं कि इस कैंसर के लक्षण शुरू में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. युवराज सिंह की तरह समय पर इलाज से इसे हराया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके लक्षण और सावधानियां.

क्या हैं लक्षण?
* लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ: अगर आपको बिना वजह खांसी हो रही है या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो यह चेतावनी का संकेत हो सकता है. 
* छाती में दर्द या भारीपन: छाती में लगातार दर्द या भारीपन महसूस करना इस कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है. 
* वजन घटना और थकान: बिना कारण वजन कम होना और हमेशा थकान महसूस करना भी संकेत हो सकता है. 
* गले या चेहरे में सूजन: मीडियास्टिनम में ट्यूमर के कारण गले या चेहरे में सूजन आ सकती है. 
* बुखार और रात को पसीना: बार-बार बुखार आना और रात में पसीना आना भी इसके लक्षण हैं.

क्या करें?
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सीटी स्कैन, बायोप्सी और ब्लड टेस्ट से इसकी जांच की जा सकती है. समय पर इलाज, जैसे कीमोथेरेपी या रेडिएशन, इस कैंसर को हराने में मदद कर सकता है. आपको बता दें कि युवराज सिंह ने अपनी किताब "द टेस्ट ऑफ माय लाइफ" में इस जंग को विस्तार से बताया है. उन्होंने न केवल इस बीमारी को हराया, बल्कि क्रिकेट में शानदार वापसी भी की थी.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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