Vijender Gupta: विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है. उनके स्पीकर बनते ही एक दशक पुरानी उनकी तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है जिसमें विधानसभा से उन्हें मार्शल कंधो पर उठाकर ले जाते दिख रहें हैं.
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Vijender Gupta: कहते हैं कि सियासत में कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं चलता है. दिल्ली की राजनीति में भी कुछ ऐसा ही हुआ है. इंटरनेट पर एक तस्वीर तेजी के साथ वायरल हो रही है. इसमें भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को मार्शल उठाकर ले जाते दिख रहे हैं. जैसे ही विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा के स्पीकर बनाए गए ये तस्वीर फिर चर्चाओं में आ गई है. लोग इस पर प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं इसे देखकर यही कहा जा सकता है कि राजनीति में कब क्या हो जाए इसका भरोसा नहीं है.
चर्चाओं में आई तस्वीर
आज के दस साल पहले दिल्ली विधानसभा में अराजकता फैल गई थी. इस दौरान मार्शल विजेंद्र गुप्ता को पकड़कर बाहर ले गए. इसका भाजपा नेता ने विरोध भी किया. इस संघर्ष के दौरान उनका कुर्ता पायजामा भी फट गया. विधानसभा के अंदर हुए इस कृत्य को कैमरे में कैद कर लिया गया. जिसमें देखा जा सकता है कि उन्हें कैसे उठाकर ले जा रहे हैं.
बाहर निकाले जाने के बावजूद भी विजेंद्र गुप्ता ने अपने संघर्षों को जारी रखा. 10 साल में वक्त और हालात दोनों बदल गया. लगातार संघर्ष का उन्हें परिणाम मिला और जिस सदन से उन्हें कंधों में उठाकर बाहर किया गया उसी सदन में उस कुर्सी को संभालेंगे जिस कुर्सी पर बैठे नेता ने उन्हें बाहर करने का आदेश दिया था. उन्हें भाजपा ने दिल्ली विधानसभा का स्पीकर बनाया है. जिस पर उन्होंने पार्टी का आभार जताया है.
आखिर 2015 में क्या हुआ था?
2015 में, तीनों भाजपा विधायकों- विजेंद्र गुप्ता, ओपी शर्मा और जगदीश प्रधान को चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए वेल में घुसने और नारे लगाने लगे. इस दौरान उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया था. उनके विरोध ने सत्र को बाधित कर दिया, जिससे स्पीकर राम निवास गोयल ने उन्हें बाहर निकालने का आदेश दिया ताकि बजट की कार्यवाही फिर से शुरू हो सके. इसके अलावा बता दें कि बीते दिन ओपी शर्मा को तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के दौरान बाधा डालने के बाद जबरन हटा दिया गया था. दशकों बाद तस्वीर बदल गई है और अब गुप्ता उसी विधानसभा की अध्यक्षता कर रहे हैं जहां पर कभी झड़प हुई थी.