गरीब रथ ट्रेन का नाम बदलने की उठी मांग, संसद में रेल मंत्री ने बताया- क्या है सरकार का प्लान
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गरीब रथ ट्रेन का नाम बदलने की उठी मांग, संसद में रेल मंत्री ने बताया- क्या है सरकार का प्लान

Garib Rath Train: साल 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव द्वारा शुरू की गई गरीब रथ ट्रेनों का नाम बदलने की कोई योजना है? अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला के सवाल पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जवाब दिया है.

गरीब रथ ट्रेन का नाम बदलने की उठी मांग, संसद में रेल मंत्री ने बताया- क्या है सरकार का प्लान

Garib Rath Train Name Change: किसी ट्रेन का नाम गरीब रथ क्यों है? गरीब रथ नाम उन गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए अपमानजनक है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. क्या इन ट्रेनों का नाम बदलने की कोई योजना है? ये सवाल अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने संसद में किए हैं, जिस पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया है. बता दें कि भारतीय रेलवे द्वारा संचालित गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत साल 2005 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने की थी. गरीब रथ ट्रेन चलाने का मकसद गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को कम किराए पर वातानुकूलित यानी एसी ट्रेन में यात्रा प्रदान करना है, जो कई शहरों को जोड़ती है.

क्या सरकार स्वीकार करती है 'गरीब रथ' शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए?

रेल मंत्रालय से पूछे गए अपने प्रश्न में गुरजीत सिंह औजला ने कहा, 'क्या केंद्र सरकार यात्रियों की गरिमा और आत्मसम्मान को लेकर बढ़ती जनभावना/गरीब रथ एक्सप्रेस का नाम बदलने की अपील से अवगत है?' उन्होंने मंत्रालय से आगे पूछा, 'गरीब रथ ट्रेन कभी सस्ती एसी यात्रा का प्रतीक थी. लेकिन, क्या सरकार यह स्वीकार करती है कि 'गरीब रथ' शब्द अब उभरते मध्यम वर्ग, विशेष रूप से अमृतसर की मेहनती आबादी की आकांक्षाओं के साथ असंगत और संरक्षणात्मक माना जाने लगा है.'

गरीब रथ नाम गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए अपमानजनक

अमृतसर के सांसद ने आगे पूछा, 'क्या इस ट्रेन का नाम इस तरह बदलने का कोई प्रस्ताव है, जो सशक्तिकरण, समावेशिता और राष्ट्रीय गौरव के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करे.' इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए औजला ने कहा कि उन्होंने इन एक्सप्रेस ट्रेनों के नाम पर केवल जनता की भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास किया था. सांसद ने कहा, 'गरीब रथ नाम उन गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए अपमानजनक है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. वे इस सेवा के प्राथमिक लाभार्थी हैं. किसी भी तरह यह शब्द यह बताने के लिए सही नहीं है कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. एक प्रतिनिधिमंडल ने भी इस नाम के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए मुझसे मुलाकात की, इसलिए मैंने इसे लोकसभा में उठाने का फैसला किया. 'गरीब' और 'रथ' शब्द मेल नहीं खाते और कई अन्य नाम थे, जिन्हें यह बताने के लिए चुना जा सकता था कि ये किफायती ट्रेनें हैं जो सस्ती कीमतों पर एसी सुविधा प्रदान करती हैं.'

क्या गरीब रथ ट्रेन का नाम बदलेगी सरकार? रेल मंत्री ने दिया जवाब

अमृतसर के सांसद के प्रश्न का जवाब देते हुए रेल मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल गरीब रथ ट्रेनों का नाम बदलने की कोई योजना नहीं है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने उत्तर में कहा, 'भारतीय रेल समाज के सभी वर्गों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है. गरीब रथ ट्रेनों का नाम बदलने का कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है.' उन्होंने आगे कहा, 'भारतीय रेलवे ने वंदे भारत सेवाएं शुरू की हैं, जो सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें हैं और इनका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव और बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है. निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों को परिवहन के किफायती साधन प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने अमृत भारत सेवाएं शुरू की हैं जो पूरी तरह से नॉन-एसी आधुनिक ट्रेनें हैं. 14 ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं.'

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सुमित राय

राजनीतिक खबरें लिखने और पढ़ने के अलावा समय निकालकर घूमने का शौक है. खाना बनाने और खाने में मजा आता है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से जर्नलिज्‍म की मास्‍टर डिग्र...और पढ़ें

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