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वैश्विक कूटनीति के जानकारों का कहना है कि अमेरिका की दोस्ती, उसकी दुश्मनी से ज्यादा घातक है. यानी घातक सिर्फ अमेरिका की दोस्ती नहीं है, घातक वो अधूरा सत्य भी है जिसके आधार पर एक सेना अफसर को गुंडा साबित कर दिया जाता है. DNA मित्रों, महाभारत की लड़ाई का एक बहुश्रुत श्लोक है- अश्वत्थामा हतोहतः, नरो वा कुंजरो वा.
अर्धसत्य का विश्लेषण
रणभूमि में ये वाक्य युधिष्ठिर ने आचार्य दोणाचार्य को कहा था. विद्वान इसे अर्धसत्य के तौर पर परिभाषित करते हैं. आज हम एक ऐसे अर्धसत्य का विश्लेषण कर रहे हैं जिसके पीछे भारत विरोधी कुंठा क्लब था. इस कुंठा क्लब ने भारत की छवि पर बट्टा लगाने के लिए, सेना की प्रतिष्ठा को दागदार करने के लिए झूठ का सहारा लिया. आज हम आपको कुंठा क्लब की करतूत पर विस्तार से जानकारी देंगे.
सेना को बदनाम करने के लिए नैरेटिव
DNA मित्रों श्रीनगर एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के कर्मचारियों से मारपीट का एक वीडियो आपने जरूर देखा होगा. सेना विरोधी नैरेटिव के साथ ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. सोशल मीडिया पर एक्टिव कुंठा क्लब के सदस्यों ने धूर्तता के साथ सेना को बदनाम करने के लिए कैसे नैरेटिव चलाया इसपर हम विस्तार से चर्चा करेंगे.
कुंठा क्लब की भारत विरोधी सोच की नई मिसाल तब पता चली जब एयरपोर्ट का दूसरा वीडियो सामने आया. नए वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि ऑरेंज टी शर्ट पहने सेना के अधिकारी से स्पाइसजेट के कर्मचारी बहस कर रहे हैं. बीच में CISF का जवान है. इसी बीच स्पाइसजेट का कर्मचारी दूसरी तरफ से सेना के अधिकारी को मुक्का मारने की कोशिश करता है. CISF जवान सेना अधिकारी को समझाने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद मौके पर मौजूद स्पाइसजेट के बाकी कर्मचारी भी आगे बढ़ते हैं और सेना के अधिकारी को नीचे गिरा देते हैं, फिर स्पाइसजेट के कर्मचारी सेना के अधिकारी के साथ मारपीट करते हैं.
इस वीडियो से साफ है कि पहले स्पाइसजेट के कर्मचारियों ने सेना के अधिकारी के साथ बदसलूकी की, फिर मारपीट की. लेकिन आपको
कुंठा क्लब के सदस्यों ने आधा वीडियो दिखाया. जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया उसमें सेना के अधिकारी को स्पाइसजेट के कर्मचारियों के साथ मारपीट करते दिखाया गया है. इतना नहीं नहीं मारपीट का वीडियो भी इस तरह के एडिट कर जारी किया गया कि सेना का अधिकारी भी मारपीट करता दिखे.
DNA मित्रों अब पूरी घटना पर फिर से गौर कीजिए. सोचिए आखिर क्यों आधा-अधूरा वीडियो ही कुंठा क्लब के सदस्यों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कुंठा क्लब के भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को ये अर्धसत्य ही शूट कर रहा था.
सेना का बदनाम करना टूलकिट का हिस्सा!
मित्रों भारत विरोधी-सेना विरोधी ये कुंठा क्लब कितना एक्टिव था इसे ऐसे समझ सकते हैं कि एक के बाद एक कई लोगों ने वीडियो पोस्ट किया. हर पोस्ट में ये बात हाईलाइट की गई थी कि सेना के ऑफिसर ने स्पाइसजेट के कर्मचारियों से मारपीट की. कुंठा क्लब के शातिर दिमाग एक्टिविस्ट ने ये बाद छिपा ली कि मारपीट की शुरुआत स्पाइसजेट के कर्मचारियों ने की थी.
कुंठा क्लब की सेना विरोधी साजिश कितनी संगठित थी, इसे भी समझिए. मित्रों मारपीट के जो वीडियो वायरल हुए उसकी कई पोस्ट्स में लिखी लाइनें भी एक जैसी ही हैं. यानी सेना विरोधी प्रोपेगेंडा के पीछे एक संगठित गिरोह था. ये पूरा प्रोपेगेंडा भारत और सेना विरोधी टूलकिट का हिस्सा था.
मित्रों हम आपको यहां बताना चाहेंगे कि दोनों पक्षों की तरफ से FIR दर्ज कराई गई है. पहली एफआईआर CISF के सुरक्षकर्मी आशीष कंवर ने दर्ज कराई है उसमें सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है. लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह ने भी FIR दर्ज कराई है.
इस FIR में आशीष कुमार को आरोपी बनाया गया है. FIR में भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), धारा 131 और धारा 191(2) लगाई गई है.
मित्रों अब समझिए. इस घटना के जरिए कुंठा क्लब सेना को कश्मीर विरोधी बता रहा था. घटना को कुंठा क्लब ऐसे प्रचारित कर रहा था कि सेना के अधिकारी ने कश्मीर के स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की.
भारत विरोधी नैरेटिव एक्सपोज
कुंठा क्लब के कुछ सदस्यों ने इस घटना को हिंदू-मुस्लिम वाले नजरिए से भी प्रचारित किया था. लेकिन भारत विरोधी ये पूरा नैरेटिव अब एक्सपोज हो गया है. मारपीट के नए वीडियो से साफ है कि झगड़े की शुरुआत स्पाइजेट के कर्माचरियों ने की थी. वीडियो में स्पाइसजेट के चार कर्मचारी लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह से मारपीट करते दिख रहे हैं. लेकिन कर्नल रितेश कुमार सिंह ने सिर्फ एक कर्मचारी के खिलाफ FIR कराई है. ये कर्मचारी कुंठा क्लब की लिस्ट से गायब था. क्योंकि ये हिंदू हैं. घटना में चार अन्य लोग घायल हुए हैं. उनके नाम हैं - मुदस्सीर, नदीम, बासित और गोविंद रंजन स्वामी.
लेकिन कुंठा क्लब की लिस्ट से गोविंद रंजन स्वामी का नाम भी गायब था. मित्रों अब श्रीनगर एयरपोर्ट पर हुई घटना के सूत्रों को एकसाथ जोड़ते हैं तो साफ होता है कि पहले स्पाइसजेट के कर्मचारियों ने सेना के अधिकारी से मारपीट की. यानी सेना के अधिकारी पर मारपीट शुरू करने का आरोप लगानेवाला नैरेटिव झूठा है. FIR में लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह सिर्फ एक कर्मचारी को आरोपी बनाया है. यानी कश्मीरियों से मारपीट वाला नैरेटिव भी झूठा है. घायलों में एक हिंदू कर्मचारी भी है यानी हिंदू-मुस्लिम वाला नैटेरीव भी फर्जी है.
सेना को कई बार बदनाम करने की साजिश
ये पहली बार नहीं है जब कुंठा क्लब ने जम्मू-कश्मीर में सेना की छवि दागदार करने के लिए नैरेटिव बनाया है.
2017 में मेजर लीतुल गोगोई पर एक स्थानीय युवक को जीप में बांधकर मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप लगा था.
जांच में ये बात साफ हुई कि मेजर गोगोई ने बिना गोली चलाए सैनिकों की जान बचाई थी. उनका कदम आत्मरक्षा के लिए था.
2016 में आरोप लगाया गया था कि सेना प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध पैलेट गन का इस्तेमाल कर रही है.
जांच में पाया गया कि पैलेट गन जान बचाने के लिए नॉन-लेथल विकल्प के रूप में इस्तेमाल हुई थी.
2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद भी सेना को बदनाम करने की साजिश हुई तब सेना को आक्रामकदमनकारी बताया गया.
जांच में सामने आया कि आतंकी बुरहान बानी के मारे जाने के बाद ये पूरा प्रोपेगेंडा ISI और अलगाववादी लॉबी ने स्पॉन्सर किया था.
मित्रों कुंठा क्लब हर घटना में भारत विरोधी नैरेटिव तलाशता है. कुंठा क्लब अपने नैरेटिव को सही साबित करने के लिए अर्धसत्य और गलत तथ्यों का सहारा लेता है. आज हम आपके आग्रह करेंगे कि अपने आसपास मौजूद भारत विरोधी मानसिकता के लोगों को पहचाने और उनके नैरेटिव का विरोध करें. एक सच्चे भारतीय की तरह भारत विरोधी सोच को जरूर एक्सपोज करें.