संसद के मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बीच मनीष तिवारी के क्रिप्टिक मैसेज ने राजनीतिक हलचल ला दी है और सवाल उठने लगा है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस में फूट पड़ गई है.
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Manish Tewari Cryptic Post: है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं. भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं... मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर जारी चर्चा के बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 55 साल पुराने गाने के बोल एक्स पर शेयर किए हैं. संसद के मानसून सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बीच मनीष तिवारी के क्रिप्टिक मैसेज ने राजनीतिक हलचल ला दी है और सवाल उठने लगा है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस में फूट पड़ गई है. आखिर, मनीष तिवारी ने किस बात पर नाराजगी जताई है.
आखिर क्यों नाराज हैं मनीष तिवारी और क्यों अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना?
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान बोलने वाले वक्ताओं की लिस्ट में वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और शशि थरूर को शामिल नहीं किया है. मनीष तिवारी ने पार्टी द्वारा संसद में बोलने का मौका न दिए जाने पर नाराजगी जताई है और गाने के द्वारा क्रिप्टिक मैसेज शेयर किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया था कि शशि थरूर और मनीष तिवारी क्यों बोलने नहीं दिया गया.
कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को क्यों नहीं दिया बोलने का मौका?
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत ने आतंकवाद पर अपना रुख स्पष्ट करने और पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने के लिए भारतीय डेलिगेशन को विभिन्न देशों में भेजा था. कुल सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए गए थे, जिनमें 51 नेता, सांसद, पूर्व मंत्री और 8 पूर्व राजदूत शामिल थे. इन प्रतिनिधिमंडलों ने लगभग 33 देशों का दौरा किया था. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी भी शामिल थे, जिनको केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को उजागर करने के लिए विदेश भेजा था. अब कांग्रेस ने इन्हीं दोनों नेताओं को संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर होने वाली बहस में वक्ताओं की सूची से बाहर रखा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के एक सांसद ने बताया है कि पार्टी ने नए सांसदों को जानबूझकर मौका दिया, क्योंकि शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेता विदेश में जाकर सरकार के समर्थन में बोल चुके हैं. इसलिए, कांग्रेस पार्टी चाहती है कि संसद में विपक्ष की आवाज सामने आए और सरकार की आलोचना करने वाला नेता संसद में बोले. इसलिए, ऐसे नेताओं को चुना गया जो पूरी तरह पार्टी लाइन पर हों.