जब भी हम बाहर किसी सड़क पर होते हैं तो देखते हैं कि हर जगह ई-रिक्शा की भीड़ लगी रहती है. ये ई-रिक्शा हमारे-आपके परिवार के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं. चलिए आंकड़ों से समझते हैं.
Trending Photos
हम एक ऐसी समस्या का विश्लेषण करने जा रहे हैं, जिसे आप देख तो रोज रहे हैं लेकिन उसपर आपका ध्यान शायद ही जाता होगा. इस समस्या पर सवार भी हो रहे होंगे लेकिन इसका अहसास शायद आपको हो नहीं रहा होगा. ELECTRONIC RIKSHAW जिसे भारत में ई-रिक्शा, टुकटुक, टोटो जैसे नामों से जाना जाता है. आप में से कई लोगों के लिए ये रोज का परिवहन होगा लेकिन क्या आप जानते हैं ये कितना खतरनाक, कितना जानलेवा है? आंकड़ों की बात आगे करेंगे.
सबसे पहले आपको बता दें कि इसके खतरे को देखते हुए भोपाल जिला प्रशासन ने आज से ही स्कूली बच्चों के ई-रिक्शा से स्कूल आने-जाने पर रोक लगा दी है. ई-रिक्शा को बच्चों के लिए असुरक्षित मानते हुए प्रतिबंध का आदेश जारी किया गया है. ई-रिक्शा के खतरे का अंदाजा आप इस बात से ही लगा लीजिए की मध्यप्रदेश के भोपाल शहर से पहले, बिहार में स्कूली बच्चों के लिए ई रिक्शा को बैन कर दिया गया था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कुछ शहरों में भी स्कूली बच्चों के लिए ई रिक्शा बैन है.
#DNAWithRahulSinha | सड़क पर खतरे का नया नाम.. ई-रिक्शा
ई-रिक्शा कितना खतरनाक, देखिए पूरा विश्लेषण#DNA #ERickshaw @RahulSinhaTV pic.twitter.com/QsUZhCoKeZ
— Zee News (@ZeeNews) July 21, 2025
सरकार और प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बैन तो लगा दिया लेकिन इन आदेशों का कितना पालन होता है उसकी बानगी आज भोपाल में ही देखने मिल गई. आज बैन के पहले दिन ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. यहां ई-रिक्शा चालकों के साथ-साथ बच्चों के पेरेंट्स को भी ये समझने की जरूरत है कि ये नियम कानून यूं ही नहीं बनाए गए हैं. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि ई-रिक्शा न सिर्फ असुरक्षित हैं बल्कि जानलेवा हैं.
साल 2016 में देशभर में ई-रिक्शा की वजह से हुए हादसों में 380 लोगों की मौत हो गई थी.
2017-2022 के बीच हैदराबाद में ई-रिक्शा को लेकर एक सर्वे किया गया, जिसमें ये पाया गया कि 18% हादसे ई-रिक्शा की वजह से हुए थे.
देश में 25% ई-रिक्शा चलाने वाले ड्राइवर्स के पास लाइसेंस तक नहीं है.
देश में बिकने वाले 75% ई रिक्शा मानकों को पार नहीं कर पाते हैं. यानी इनकी डिजाइन खराब होती है. इनमें सस्ती बैट्री लगी होती है, जो कभी भी फट सकती है.
ई-रिक्शा को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि छोटे शहरों में ये ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं, रॉन्ग साइड पर चलते हुए पाए जाते हैं. इनकी स्पीड लिमिट 25 किलोमीटर प्रति घंटा है लेकिन इसका पालन कितना होता है आप भी रोज देखते ही होंगे.
अप्रैल 2024: प्रयागराज में एक बाइक सवार गलत तरफ से आ रही ई रिक्शा से टकरा गया, हादसे में उसकी जान चली गई.
मई 2024: नोएडा में एक कार से टक्कर के बाद ई रिक्शा में सवार दो लोगों की मौत हो गई, हादसे में तीन लोग घायल हो गए.
जुलाई 2024: गुरुग्राम में गलत साइड से आ रही ई रिक्शा से एक कार की टक्कर हो गई, हादसे में दो लोगों की मौत हो गई. 6 लोग घायल हुए.
फरवरी 2024: बिजनौर में एक ई रिक्शा की बैट्री फट गई, पांच लोग इस हादसे में घायल हो गए.
ई-रिक्शा सड़क पर चलती फिरती मौत की सवारी जैसी है, बच्चों के साथ-साथ ये बड़े लोगों के लिए भी खतरनाक है, लिहाजा सरकारों को न सिर्फ इन्हें स्कूली बच्चों के लिए बैन करने की जरूरत है, बल्कि ई-रिक्शा के परिचालन के लिए ठोस नियम कानून बनाने की भी सख्त जरूरत है.