Amarnath Yatra 2025: दुनिया भर के श्रद्धालु बाबा बर्फानी का कपाट खुलने का इंतजार करते हैं. हालांकि साल 2025 की तीर्थयात्रा बालटाल तथा पहलगाम दोनों मार्गों पर ट्रैक रखरखाव की तत्काल आवश्यकता के कारण 3 अगस्त, 2025 से स्थगित कर दी गई है.
Trending Photos
Amarnath Yatra 2025: हर साल लाखों संख्या में बाबा बर्फानी का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु जाते हैं. दुनिया भर के श्रद्धालु बाबा का कपाट खुलने के लिए इंतजार करते हैं, इस समय भारी बारिश और बालटाल तथा पहलगाम दोनों मार्गों पर ट्रैक रखरखाव की तत्काल आवश्यकता के कारण 3 अगस्त, 2025 से स्थगित कर दी गई है. बता दें कि लगातार हो रही बारिश की वजह से रास्ते काफी ज्यादा असुरक्षित हो गए हैं.
बारिश की वजह से जिन रास्तों को नुकसान पहुंचा है. उसकी तत्काल मरम्मत की जा रही है. बारिश ने बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों को प्रभावित किया है, हाल के दिनों में हो रही बारिश से स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई है. कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने घोषणा की कि भारी वर्षा से हुए नुकसान के कारण महत्वपूर्ण मरम्मत और रखरखाव कार्यों की आवश्यकता है. इन मरम्मत कार्यों के लिए कर्मियों और मशीनरी की तैनाती के कारण यात्रा जारी रखना असंभव है, जिसके कारण 3 अगस्त, 2025 से दोनों मार्गों पर इसे स्थगित कर दिया गया है.
इससे पहले, 31 जुलाई को बालटाल मार्ग पर कुछ समय के लिए यात्रा बहाल की गई थी, लेकिन लगातार खराब मौसम के कारण इसे फिर से स्थगित कर दिया गया था. पहलगाम मार्ग 30 जुलाई से रखरखाव के अधीन है, जहाx असुरक्षित परिस्थितियों के कारण तीर्थयात्रियों की आवाजाही की अनुमति नहीं है. जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के बालटाल और नुनवान (पहलगाम) आधार शिविरों तक किसी भी काफिले की आवाजाही की अनुमति नहीं है. यह अनुमति 31 जुलाई, 2025 से प्रभावी है और निलंबन अवधि के दौरान भी जारी रहेगी.
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 4.10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन किए हैं. इस वर्ष मौसम संबंधी चुनौतियों के बावजूद 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए, जो दर्शाता है कि इस वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालु आए. 38 दिनों की यह तीर्थयात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 9 अगस्त को समाप्त होने वाली थी. हालांकि, भगवान शिव की पवित्र छड़ी (छड़ी मुबारक), जिसे महंत दीपेंद्र गिरि ले जा रहे हैं, 4 अगस्त को श्रीनगर के अमरेश्वर मंदिर से अपनी यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को समापन अनुष्ठान के लिए गुफा मंदिर पहुंचेगी. 9 अगस्त को यात्रा का समापन होगा.