Operation Sindoor Part-2 के लिए कमर कस रही वायुसेना, दुश्मन के घर में घुसे बिना फिर करेगी बड़ा वार! 10 हजार करोड़ का प्लान तैयार
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Operation Sindoor Part-2 के लिए कमर कस रही वायुसेना, दुश्मन के घर में घुसे बिना फिर करेगी बड़ा वार! 10 हजार करोड़ का प्लान तैयार

Operation Sindoor Part-2: यह सब जानते हैं कि किसी विषैले सांप की तरह पाकिस्तान अपनी आतंकपरस्त नीतियों से कभी बाज नहीं आएगा. ऐसे में भारत की तीनों सेनाएं पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की तैयारियों में लगी हैं. इसके लिए वायुसेना ने 10 हजार करोड़ का प्ान तैयार कर लिया है. 

Operation Sindoor Part-2 के लिए कमर कस रही वायुसेना, दुश्मन के घर में घुसे बिना फिर करेगी बड़ा वार! 10 हजार करोड़ का प्लान तैयार

Indian Air Force preparations against Pakistan: पाकिस्तान के खिलाफ हाल में हुए ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-1 के बाद भारत की तीनों सेनाएं अपने हथियारों की खूबियों और कमियों पर गहनता से चर्चा कर रही हैं. इसी आत्मावलोकन से निकले नतीजों के आधार पर सरकार ने अब वायु सेना को और घातक बनाने का फैसला किया है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय तीन अत्याधुनिक जासूसी विमान खरीदने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. इन जासूसी विमानों के मिलने से भारतीय वायुसेना को हवा से जमीन पर हो रही गतिविधियों की स्पष्ट तस्वीर मिल सकेगी. साथ ही वह दुश्मन के जमीनी ठिकानों जैसे रडार स्टेशनों, वायु रक्षा इकाइयों और अन्य मोबाइल गाड़ियों को चिह्नित कर सटीक हमले कर सकेगा.

जून के आखिरी हफ्ते में मिलेगी मंजूरी

मीडिया से बात करते हुए रक्षा अधिकारियों ने बताया कि खुफिया, निगरानी, ​​लक्ष्य प्राप्ति और टोही (आई-स्टार) को बढ़ाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की गई है. इसे जून के चौथे सप्ताह में होने वाली रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में मंजूरी के लिए रखे जाने की उम्मीद है. आई-स्टार वायु सेना को हवा से जमीन पर निगरानी करने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे एयर फोर्स को सटीक हमले करने में मदद मिलती है. 

उन्होंने बताया कि DRDO की ओर से विकसित की जा रही जासूसी विमान परियोजना में बोइंग और बॉम्बार्डियर समेत विदेशी निर्माताओं से ओपन टेंडर के जरिए  तीन विमानों की खरीद भी शामिल है. इन विमानों पर ऑनबोर्ड सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी होंगे, क्योंकि डीआरडीओ के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स ने उन्हें पहले ही सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है. 

चुनिंदा देशों के क्लब में होगा शामिल

उन्होंने कहा कि सिस्टम पहले ही सीएबीएस की ओर से टेस्ट और विकसित किए जा चुके हैं . अब उन्हें उन तीन जासूसी विमानों के साथ एकीकृत करना होगा. ISTAR सिस्टम के विकास से भारत भी अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल और कुछ अन्य सहित ऐसी क्षमता वाले चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा.

ISTAR सिस्टम गतिशील और समय-संवेदनशील लक्ष्यीकरण क्षमता प्रदान करता है और राष्ट्र के सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है. यह अनिश्चित खतरों के पैमाने और जटिलता को कम करने में सहायता करता है. इसमें अनियमित बलों का पता लगाने और उनकी निगरानी करने की क्षमता हासिल होती है. 

दिन-रात काम करती है ये प्रणाली

I-STAR प्रणाली से दिन-रात खुफिया जानकारी जुटाने, सर्विलांस, जासूसी करने और टारगेट करने की क्षमता बढ़ेगी. ISTAR सिस्टम ऊंचाई वाले इलाकों से ऑपरेट होते हैं. यह एक ऐसी प्रणाली होगी जिसमें हवाई और जमीनी खंड शामिल होंगे.

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