Karnataka BJP MLA Expelled: हाल के वर्षों में एमपी और कर्नाटक जैसे दो बड़े राज्यों में विधायकों के पाला बदलने से सरकारें गिर गई थीं. हालांकि कर्नाटक में भाजपा के दो विधायकों पर जो एक्शन हुआ है, वह चौंकाने वाला है. ये दोनों पूर्व कांग्रेसी हैं. अब इन्होंने ऐसा क्या किया कि भाजपा को इन्हें बाहर करना पड़ा. पढ़िए.
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आपको याद होगा 2019 में कुछ विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस और JDS की एचडी कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी. उस समय दो वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक सोमशेखर और हेब्बर समेत कुल 14 विधायकों ने सियासी जंपिंग कर भाजपा का दामन थाम लिया था. इनकी बदौलत राज्य की सत्ता में भाजपा की वापसी हुई थी. अब कुछ ऐसा हुआ है कि भाजपा ने ही इन दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
जी हां, भाजपा ने वर्तमान में पार्टी के विधायक एस. टी. सोमशेखर और शिवराम हेब्बर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए निकाल दिया है. 2023 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था. बताया जा रहा है कि इसके बाद से दोनों विधायकों का व्यवहार पार्टी को पसंद नहीं आ रहा था. पिछले एक साल में अंदर ही अंदर संबंध खराब हो रहे थे. कई बार इन दोनों विधायकों ने भगवा दल के लिए असहज स्थिति भी पैदा कर दी थी.
भाजपा ने आखिरकार मंगलवार को कठोर फैसला लेते हुए इन्हें निष्कासित कर दिया. दिलचस्प बात यह है कि इस समय राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार है लेकिन सियासी जंपिंग करने वाले ये दो नेता दोनों खेमों से बाहर हो गए हैं. उधर, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भाजपा के इस फैसले की निंदा की है. समझा जा रहा है कि दोनों भाजपा नेताओं का दिल फिर से कांग्रेस के लिए धड़कने लगा था.
सोमशेखर का दिल तो कांग्रेसी था?
तीन बार के विधायक 66 साल के सोमशेखर ने कांग्रेस से ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. पहले इन्हें सीएम सिद्धारमैया का करीबी माना जाता था. 2018 में कांग्रेस कैंडिडेट के तौर पर यशवंतपुरा सीट से जीते और 2018 में भी सीट अपने पास रखी. 13 विधायकों के साथ भाजपा में जाने से पहले वह कुमारस्वामी की एक साल की सरकार के दौरान बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के चेयरमैन रहे थे. 2019 में उन्होंने उपचुनाव जीता और येदियुरप्पा कैबिनेट में जगह मिली. आगे बसवराज बोम्मई कैबिनेट में भी बने रहे. 2023 में उन्होंने यशवंतपुरा की सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता.
भाजपा की नाराजगी की वजह
दरअसल, विधानसभा में इन्होंने कई बार कांग्रेस सरकार की कई योजनाओं को खुला समर्थन दे दिया था. इससे पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई. पिछले साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव में सोमशेखर ने कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस-वोटिंग कर दी. ऐसा समझा गया कि वह फिर से कांग्रेस में वापसी करना चाह रहे थे. कुछ समय बाद अफवाह जोर पकड़ने लगी जब उन्हें डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के साथ एक फ्लाइट में देखा गया.
शिवराम हेब्बर के बारे में
68 साल के हेब्बार येल्लापुर सीट से चार बार विधायक रहे हैं. उन्होंने येदियुरप्पा और बोम्मई सरकार में श्रम मंत्री के रूप में कार्य किया है. हेब्बार किसान परिवार से हैं. शुरू से कांग्रेसी रहे हैं. 2023 में भाजपा कैंडिडेट के रूप में जीतने के बाद उनकी पार्टी से नहीं बनी. फरवरी 2024 के राज्यसभा चुनाव में हेब्बर ने यह कहते हुए मतदान नहीं किया कि वह बीमार हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार कर भाजपा को नाराज कर दिया था.