Karnataka News: एक बच्चे की आंख की रोशनी इसलिए चली गई क्योंकि टीचर ने एक साल पहले छड़ी फेंककर उसे मारा था. कक्षा में उस समय बच्चे हल्ला कर रहे थे. डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बच्चे ने एक आंख गंवा दी. उस बच्चे की उम्र अभी 6 साल है.
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क्लास में बच्चों का शोर मचाना आम बात है. टीचर इस पर डांटते भी हैं लेकिन एक अध्यापक ने सोचा भी नहीं होगा कि उनकी एक गलती छात्र के आंख की रोशनी छीन लेनी. जी हां, कर्नाटक में चिक्कबल्लापुर जिले में एक अध्यापक ने बच्चों को शांत करने के लिए छड़ी फेंकी थी. यह सीधे 6 साल के एक बच्चे की दाई आंख में लग गई. दुखद यह है कि उसकी आंख की रोशनी चली गई.
यह घटना करीब एक साल पहले की है लेकिन टीचरों को अलर्ट करने वाली है. पुलिस ने बताया है कि इस घटना के संबंध में शिक्षक और पांच अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक घटना पिछले साल 6 मार्च को जिले के चिंतामणि तालुका के एक सरकारी स्कूल की है, उस समय यशवंत पहली कक्षा में पढ़ता था. पुलिस के अनुसार शोर मचा रहे बच्चों को शांत करने के लिए शिक्षक ने उनमें से कुछ पर कथित रूप से छड़ी फेंकी जो गलती से यशवंत की दाईं आंख पर जा लगी.
शुरू में, उसके माता-पिता को इस बात का आभास नहीं हुआ कि चोट का असर इतने लंबे समय तक रह सकता है. कुछ दिनों बाद जब उसकी हालत बिगड़ी तो बच्चे के माता-पिता उसे चिंतामणि में एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास ले गए, जिन्होंने उसे जिला अस्पताल में रेफर कर दिया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बच्चे की आंख की जांच करने के बाद पिछले साल दिसंबर में बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में उसकी दो सर्जरी की गई, लेकिन उसके बाद भी जब सुधार नहीं हुआ तो परिजन उसे बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में ले गए.
वहां चिकित्सकों ने जांच के बाद बताया कि उसकी दाहिनी आंख की रोशनी चली गई है. इसके बाद माता-पिता और स्थानीय लोगों ने रविवार शाम को बटलाहल्ली पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद घटना के संबंध में आरोपी शिक्षक और खंड शिक्षा अधिकारी सहित पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अभिभावकों की शिकायत के आधार पर हमने भारतीय न्याय संहिता और किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.’ (भाषा)