निशिकांत दुबे ने जब से 'पटक-पटक कर मारेंगे' वाला बयान दिया है, वो चर्चा में हैं. महाराष्ट्र के कई नेताओं ने उनके शब्दों पर आपत्ति भी जताई. अब दुबे ने कहा है कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. हालांकि एक बार फिर उन्होंने ललकारा है. इस बार मुकेश अंबानी का नाम लेते हुए उन्होंने महाराष्ट्र में मारपीट करने वालों को लताड़ा.
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Hindi Marathi Controversy: हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने फिर बोला है. इस बार उन्होंने मराठी न बोलने पर पिटाई करने वाले लोगों को ललकारते हुए कहा कि आप गरीबों को मारते हो. वहां मुकेश अंबानी साहब रहते हैं. मराठी तो वह बहुत कम बोलते हैं. हिम्मत है तो जरा उनके पास चले जाओ. माहिम में सारे मुसलमान हैं, हिम्मत है तो जरा वहां चले जाओ.
दुबे ने आगे कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन मराठी नहीं बोलते हैं, वो आंध्र के हैं, तेलुगु बोलते हैं. आप उनके साथ मारपीट करके देखो. एलआईसी के चेयरमैन नॉर्थ ईस्ट से हैं, जरा उनसे मारपीट करके देखो. जो गरीब आदमी है, जो कमाने-खाने गया है, जिसका महाराष्ट्र की इकोनॉमी में योगदान है. आप उसके साथ मारपीट करते हो. उन्होंने कहा कि अगर टाटा है तो टाटा ने भी बिहार में ही सबसे पहले इंडस्ट्री लगाई थी.
#WATCH | Gangtok, Sikkim: Amid language row, BJP MP Nishikant Dubey says, "...You beat up the poor. But Mukesh Ambani lives there, he speaks very less Marathi. If you have guts, go to him. Mahim has a large Muslim population, if you have guts - go there. SBI chairman doesn't… pic.twitter.com/h1PwKeX7gO
— ANI (@ANI) July 10, 2025
'पटक-पटक कर' वाले पहले दिए बयान पर बोलते हुए दुबे ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि महाराष्ट्र का इस देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. आजादी के आंदोलन में अहम योगदान है. दूसरी भाषाओं की तरह मराठी भाषा का भी सम्मान है. जैसे मराठी लोगों को अपनी भाषा से प्यार है, उसी तरह हिंदी भाषी लोगों को अपनी भाषा से प्यार है. अगर भाषा के आधार पर ठाकरे परिवार मारपीट करता है तो हमारे बर्दाश्त के बाहर है.
भाजपा सांसद ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी, जो टैक्स देते हैं, उनका मुख्यालय मुंबई में है. मैं सिक्किम में खड़ा हूं, यहां के लोग भी अपना पैसा एसबीआई में जमा करते हैं. उनका पैसा भी वहीं है लेकिन उनके टैक्स का पैसा महाराष्ट्र के खाते में जाता है. उन्होंने इस तरह के भाषा विवाद पर गंभीर चिंता जताई.