फाइटर पायलट की पत्नी ने दर्ज करा रखे थे ताबड़तोड़ मुकदमे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला; दिल छू लेगी जज साहब की टिप्पणी
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फाइटर पायलट की पत्नी ने दर्ज करा रखे थे ताबड़तोड़ मुकदमे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला; दिल छू लेगी जज साहब की टिप्पणी

Family dispute: सुप्रीम कोर्ट की बेंच एयरफोर्स अधिकारी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पायलट की IT प्रोफेशनल पत्नी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमों यानी एफआईआर को रद्द करने के लिए अर्जी दायर की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट फाइल फोटो

Supreme Court to fighter pilot and wife: दुख और परेशानी किसी की भी घरेलू जिंदगी में आ सकती हैं लेकिन उसका समाधान प्यार और शांति से निकालना चाहिए. कुछ ऐसी ही सलाह सुप्रीम कोर्ट ने एक फैमिली डिस्प्यूट की सुनवाई करते हुए दी. दरअसल 2019 में पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों को बर्बाद करने वाली टीम का हिस्सा रहे एक फाइटर जेट पायलट और उनकी पत्नी का पारिवारिक डिस्प्यूट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तब सर्वोच्च अदालत की बेंच ने अनोखे तरीके से मामले का समाधान कराने की कोशिश की. केस की सुनवाई के दौरान जज साहब की टिप्पणी ने कोर्ट चेंबर में मौजूद लोगों का दिल छू लिया. आइए जानते हैं की जज साहब ने क्या कहा?

पत्नी को दुश्मन के नजरिए से न देखें: SC

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों को समझाते हुए कहा, 'एक-दूसरे को दुश्मन के रूप में न देखें और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाकर जीवन में आगे बढ़ें. सुप्रीम कोर्ट की बेंच एयरफोर्स अधिकारी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पायलट की IT प्रोफेशनल पत्नी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमों यानी एफआईआर को रद्द करने के लिए अर्जी दायर की गई थी. पायलट और उनकी पत्नी ने कहा हम और हमारे परिजन मानसिक उत्पीड़न का शिकार हैं. याचिका की प्रकृति को देखते हुए जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर की बेंच ने कहा कि ये मामला 'शत्रु मुकदमे' जैसा है ऐसे में आप दोनों सौहार्दपूर्ण तरीके से विवाद सुलझा लें और जीवन में आगे बढ़ें.

पायलट ने क्या कहा?

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज होने के बाद लड़ाकू पायलट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. पायलट ने अपनी याचिका में कहा, 'पत्नी ने दिल्ली और हरियाणा की विभिन्न अदालतों में उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठी शिकायतें और मामले दर्ज कराती रही है. जब उसे अदालतों से कोई राहत नहीं मिली, तो उसने भारतीय वायु सेना और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के पास बार-बार झूठी शिकायतें दर्ज कराईं. याचिका में कहा गया है कि एफआईआर कानून की प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस मामले में आपराधिक कार्यवाही जारी रखना न्याय के हित में अनुचित होगा'.

भूलो और आगे बढ़ो...

हालांकि बेंच ने कहा, 'बदले की ज़िंदगी मत जियो. तुम दोनों जवान हो और तुम्हारे आगे लंबी ज़िंदगी है और तुम्हें एक अच्छा जीवन जीना चाहिए. तुम बस एक-दूसरे को माफ़ कर दो, भूल जाओ और आगे बढ़ो.'

FAQ-

सवाल- किसी भी अदालत में फैमिली डिस्प्यूट क्या होता है?
जवाब-
पति-पत्नी या किसी अन्य रिश्ते के बीच आपसी कलह में जब कोई पक्ष अदालत का रुख करता है तो उसे फैमिली डिस्प्यूट कहा जाता है.

सवाल- पारिवारिक विवाद में  अक्सर न्यायाधीशों की कोशिश क्या होती है?
जवाब-
कोर्ट को कवर कवर करने वालों और वकीलों का मानना है कि पति-पत्नी के बीच अगर कोई गंभीर आपराधिक पृवत्ति वाली घटना न घटी हो तो कोर्ट उन्हें आपसी सहमति से घरेलू विवाद निपटारा करने की सलाह देती है.

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