देश में बढ़ते जल संकट के बीच आईआईटी रूड़की में वॉटर कॉन्क्लेव में जुटेंगे दुनिया भर के वैज्ञानिक
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देश में बढ़ते जल संकट के बीच आईआईटी रूड़की में वॉटर कॉन्क्लेव में जुटेंगे दुनिया भर के वैज्ञानिक

देश में बढ़ते जल संकट के बीच आईआईटी रूड़की में वॉटर कॉन्क्लेव में दुनिया भर के वैज्ञानिक विचार विमर्श करने वाले हैं. यह जल सम्मेलन तीन दिनों तक जल संसाधनों पर चर्चा करेंगे.

IIT Roorkee Water Conclave Uttaakhand
IIT Roorkee Water Conclave Uttaakhand

देहरादून:देश में बढ़ते जल संकट के बीच उत्तराखंड की आईआईटी रूड़की में वॉटर कॉनक्लेव आयोजित होगा. यह सम्मेलन 4 से 6 मार्च तक चलेगा. देश में जल संसाधनों पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रूड़की यह सम्मलेन करा रहा है.सम्मेलन में दुनिया भर के विशेषज्ञ गंभीर जल मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे.

इस सम्मेलन में कृषि में जल प्रबंधन के लिए यूएवी इमेजरी के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी. आईआईटी रूड़की में इंजीनियरिंग विभाग के जियोमैटिक्स इंजीनियरिंग समूह के सहायक प्रोफेसर विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ खरे के अनुसार, ये कार्यशाला कृषि जल प्रबंधन से संबंधित रिमोट सेंसिंग प्रोजेक्ट के लिए मानव रहित हवाई वाहनों के इस्तेमाल पर चर्चा करेगी. यूएवी प्रौद्योगिकी सेंसर जैसी तकनीकों पर गहन विचार विमर्श होगा. 177 साल पुराने संस्थान में अभियांत्रिकी विभाग के विशेषज्ञ हाइड्रोलॉजिकल विज्ञान में एक विशेष सत्र होगा. जल प्रबंधन में इनोवेशन और विशेषज्ञता के प्रति आईआईटी रूड़की चर्चा करेगा.

प्रसिद्ध जल विज्ञानी अर्चना सरकार, बेरिट अरहाइमर, जीन-मैरी किलेश्ये ओनेमा, अंकित अग्रवाल और ज्यू दास विशेष सत्र इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ हाइड्रोलॉजिकल साइंसेज (आईएएचएस हेल्पिंग डिकेड) के तीसरे वैज्ञानिक दशक का आगाज भी होगा. दुनिया भर में स्थायी जल प्रबंधन प्रौद्योगिकी पर विमर्श होगा. रूड़की जल कॉन्क्लेव में शोधकर्ता, चिकित्सक, नीति निर्माताओं के साथ छात्र भी पानी के बेहतर संसाधनों के उपयोग पर विचार रखेंगे. 

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