DNA Analysis on Aurangzeb Tomb: देश में एक बार फिर 6 दिसंबर 1992 करने की तैयारी हो रही है. इस बार निशाने पर उस क्रूर मुगल बादशाह की कब्र है, जिसने अपने जीवित रहते लाखों हिंदुओं के सिर कटवा दिए थे.
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Why the Controversy Over Aurangzeb Tomb: 6 दिसंबर 1992 को जो अयोध्या में हुआ था. जिस तरह विवादित ढांचे के खिलाफ कार सेवा हुई थी, क्या वैसा ही कुछ दोबारा होने वाला है. इस सवाल के उठने की वजह है वो आवाजें, जिन्होंने ऐलान किया है कि औरंगजेब की कब्र तोड़ने के लिए अयोध्या जैसी कारसेवा की जाएगी. कारसेवा 2.0 का ये दावा किसने किया और क्या हुआ इस दावे का असर. ये बताएगी औरंगजेब की कब्र से.DNA की ग्राउंड रिपोर्ट.
इस धमकी के बाद औरंगजेब की कब्र पर जाने वाले रास्ते पर पुलिस का पहरा है. आलमगीर की मज़ार को चौतरफा खाकी वर्दी वालों ने घेर रखा है. मुगल आक्रांता औरंगजब की कब्र के खिलाफ कार सेवा के ऐलान के बाद संभाजीनगर की पुलिस फोर्स अलर्ट मोड में है क्योंकि ऐलान है. जो 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुआ था. वो इतिहास दोहराया जाने वाला है.
औरंगजेब की कब्र पर छिड़ी महाभारत
औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़ी महाभारत अब एक नये मोड़ पर है. औरंगजेब की कब्र अब कथित कार सेवकों की रेंज में है. दरअसल बजरंग दल ने 17 मार्च से 'चलो संभाजीनगर' आंदोलन का ऐलान कर दिया है. जिसमें औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए कार सेवा का आगाज किया जाएगा. बजरंग दल ने औरंगजेब की मज़ार के खिलाफ 'थ्री फेज' आंदोलन का ऐलान किया है.
मुंबई महाराष्ट्र गोवा क्षेत्र बजरंग दल संयोजक विवेक कुलकर्णी के मुताबिक, 17 मार्च से 'चलो संभाजीनगर' आंदोलन की शुरूआत की जाएगी. आंदोलन के फर्स्ट फेज में शिव जयंती के मौके पर तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन का आगाज किया जाएगा. आंदोलन के सेकेंड फेज में राज्य सरकार से संवाद किया जाएगा और मांगे नहीं माने जाने पर, तीसरे चरण में संभाजीनगर कूच कर कारसेवा की जाएगी.
17 मार्च से शुरू होगा बजरंग दल का आंदोलन
इस धरना प्रदर्शन को लेकर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया. विनोद बंसल ने पोस्ट में लिखा, "आगामी सोमवार 17 मार्च को छत्रपति शिवाजी महाराज की पावन जयंती है. उन्होंने हिंदवी स्वराज्य व उसकी रक्षा हेतु अपनी तीन पीढ़ियां लगा दीं और आतंकी मुगलों को नाकों चने चबा दिए. देश के स्व की पुन: स्थापना तथा पराधीनता के चिन्हों और पराधीन मानसिकता का पराभव अब होना ही चाहिए.
उन्होंने आगे लिखा, 'औरंगजेब के बाद अब उसकी कब्र की समाप्ति का समय भी आ रहा है. विहिप व बजरंगदल के कार्यकर्ता उस दिन संपूर्ण महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने हेतु प्रदर्शन कर स्थानीय जिलाधीश के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देकर कहेंगे कि शिवाजी महाराज की पावन धरा से औरंगजेब की कब्र और औरंगजेबी मानसिकता का समूल नाश हो.'
संत समाज भी आया मांग के समर्थन में
कारसेवा के नाम पर इसी धमकी की वजह से खुलदाबाद में पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में है. बजरंग दल की कारसेवा वाली धमकी सामने आने के बाद संत समाज का एक तबका भी समर्थन में आ खड़ा हुआ है. कथित कारसेवा का हिस्सा बनने का दम भर रहे हैं. जूना अखाड़ा के संत उमेशानंद दी महाराज ने कहा कि इस अभियान के लिए बजरंग दल को पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा कि वे भी इस कार सेवा में भाग लेंगे.
कारसेवा होगी या नहीं होगी, ये तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन बजरंग दल के इस ऐलान ने ये साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र की सियासत से लेकर समाज तक औरंगजेब की मजार का मुद्दा सुलगता रहेगा.