इन 3 ड्रिंक्स की सिर्फ एक घूंट भी दिमाग की सेहत के लिए साबित हो सकती है जहर, अल्जाइमर के खतरे को लेकर आई नई चेतावनी
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इन 3 ड्रिंक्स की सिर्फ एक घूंट भी दिमाग की सेहत के लिए साबित हो सकती है जहर, अल्जाइमर के खतरे को लेकर आई नई चेतावनी

आज के दौर में जब फिटनेस और हेल्थ को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, तब कुछ पेय पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें हम हेल्दी समझकर रोजाना पीते हैं, लेकिन असल में ये हमारे दिमाग को भीतर से खोखला कर रहे हैं. 

इन 3 ड्रिंक्स की सिर्फ एक घूंट भी दिमाग की सेहत के लिए साबित हो सकती है जहर, अल्जाइमर के खतरे को लेकर आई नई चेतावनी

हम में से ज्यादातर लोग दिन की शुरुआत किसी गर्मागर्म चाय या कॉफी के साथ करते हैं. कुछ लोग कैलोरी बचाने के चक्कर में डाइट सोडा पीते हैं तो कुछ हेल्दी रहने के लिए स्किम मिल्क को चुनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये तीनों ड्रिंक- डाइट सोडा, शुगर-लोडेड कॉफी और स्किम मिल्क दिमाग की सेहत के लिए धीमा जहर साबित हो सकते हैं? नई रिसर्च में इन ड्रिंक्स को अल्जाइमर और ब्रेन डिक्लाइन जैसी समस्याओं से जोड़ा गया है, जो हर दिन एक घूंट के साथ आपके ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकती है.

आज के दौर में जब फिटनेस और हेल्थ को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, तब कुछ पेय पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें हम हेल्दी समझकर रोजाना पीते हैं, लेकिन असल में ये हमारे दिमाग को भीतर से खोखला कर रहे हैं. हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ फेमस ड्रिंक्स का सेवन मेंटल हेल्थ के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.

रिसर्च क्या कहती है?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक संयुक्त स्टडी में पाया गया कि डाइट सोडा में पाए जाने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर्स जैसे एस्पार्टेम और सुक्रालोज, न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की जड़ हो सकते हैं. ये चीजें दिमाग की कोशिकाओं में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ावा देते हैं, जिससे याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे घटती जाती है.

वहीं, शुगर-लोडेड कॉफी, यानी ऐसी कॉफी जिसमें चीनी की मात्रा अधिक होती है, लगातार हाई ब्लड शुगर लेवल को बढ़ावा देती है. यह दिमाग में इंसुलिन रेसिस्टेंस पैदा करता है, जो आगे चलकर टाइप 3 डायबिटीज (अल्जाइमर से जुड़ा एक शब्द) का कारण बन सकता है. स्किम मिल्क, जिसे फैट फ्री माना जाता है, में अक्सर न्यूनतम वसा के कारण विटामिन-डी और अन्य फैट-सॉल्युबल न्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है. ये तत्व दिमागी विकास और ब्रेन फंक्शन के लिए बेहद जरूरी हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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