भारतीय के आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु द्वारा विकसित साम्यमा साधना (Samyama Sadhana) मेडिटेशन अब विज्ञान की कसौटी पर भी खरी उतरती दिखाई दे रही है.
Trending Photos
भारतीय के आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु द्वारा विकसित साम्यमा साधना (Samyama Sadhana) मेडिटेशन अब विज्ञान की कसौटी पर भी खरी उतरती दिखाई दे रही है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से जुड़े दो प्रमुख संस्थानों मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल और बेथ इसराइल डीकॉनेस मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि यह गहन योगिक मेडिटेशन न केवल मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाती है, बल्कि दिमाग की उम्र को औसतन 5.9 साल तक पीछे भी ले जा सकती है. कुछ मामलों में यह फर्क 10 साल से भी अधिक पाया गया.
यह शोध साम्यमा मेडिटेशन में भाग लेने वाले लोगों पर किया गया, जिन्हें आठ दिनों के साइलेंस मेडिटेशन रिट्रीट में शामिल किया गया था. रिट्रीट के पहले और बाद में प्रतिभागियों के रेस्टिंग स्टेट फंक्शनल MRI (rs-fMRI) स्कैन किए गए. इसमें ब्रेन नेटवर्क्स, विशेष रूप से सैलियंस नेटवर्क (SN) और डिफॉल्ट मोड नेटवर्क (DMN) के बीच कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार पाया गया. ये नेटवर्क आत्म-जागरूकता, मेडिटेशन और इमोशन कंट्रोल से जुड़े होते हैं. इन दोनों नेटवर्क्स के बीच बेहतर तालमेल से माइंडफुलनेस, फोकस और कॉग्निटिव एबिलिटी में सुधार देखा गया.
Our new study in Mindfulness (https://t.co/mWcZsLppqg) shows advanced meditators have a 5.9-year younger brain age! Meditation may hold the key to reversing brain aging. Proud to be part of this groundbreaking research@HarvardHealth @harvardmed @SadhguruJV @InnerEngineering pic.twitter.com/9gwlIv4XWK
— Dr. Bala Subramaniam (@balachundhar) May 17, 2025
साम्यमा साधना क्या है?
साम्यमा साधना, ईशा फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक उन्नत मेडिटेशन प्रोग्राम है, जिसमें आठ दिनों तक मौन रहकर घंटों ध्यान किया जाता है. इसे शरीर और मन की सीमाओं को पार कर गहन आंतरिक परिवर्तन प्राप्त करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है. यह कार्यक्रम भारत के ईशा योग केंद्र और अमेरिका स्थित ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ इनर साइंसेज में आयोजित होता है.
ब्रेन एजिंग को धीमा करने की दिशा में उम्मीद
इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि साम्यमा जैसी गहन ध्यान प्रक्रियाएं उम्र से संबंधित मानसिक गिरावट को धीमा करने या उलटने में मददगार हो सकती हैं. पहले के कई शोधों से यह साबित हो चुका है कि मेडिटेशन से ब्रेन की पॉवर बढ़ती है, कॉर्टिकल थिकनेस में सुधार होता है और मानसिक लचीलापन बढ़ता है.
वैज्ञानिकों का निष्कर्ष
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन मेडिटेशन की न्यूरोप्लास्टिक शक्ति को दर्शाता है, यानी ब्रेन में नए कनेक्शन बनने की क्षमता को. उन्होंने यह भी सुझाया कि भविष्य में साम्यमा जैसे अभ्यासों को मेंटल हेल्थ सुधारने और बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने के एक सशक्त साधन के रूप में अपनाया जा सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.