सूरज की किरणों से मिलने वाला 'सनशाइन विटामिन' यानी विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. हड्डियों को मजबूत करने से लेकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करने तक, यह छोटा सा पोषक तत्व बड़े-बड़े काम करता है.
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सूरज की किरणों से मिलने वाला 'सनशाइन विटामिन' यानी विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. हड्डियों को मजबूत करने से लेकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करने तक, यह छोटा सा पोषक तत्व बड़े-बड़े काम करता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो क्या होगा?
भारत जैसे देश में, जहां धूप की कोई कमी नहीं, फिर भी एक अध्ययन के मुताबिक 70 से 100 प्रतिशत लोग विटामिन-डी की कमी से जूझ रहे हैं. यह चौंकाने वाला आंकड़ा कई सवाल खड़े करता है, खासकर तब जब बात कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की हो. वैज्ञानिकों के लिए भी यह एक पहेली बना हुआ है कि क्या विटामिन-डी की कमी सचमुच कैंसर का कारण बन सकती है.
कुछ शोध बताते हैं कि इसकी कमी से सेल्स में असामान्य वृद्धि हो सकती है, जो कैंसर का आधार बनती है. वहीं, कुछ अध्ययन इस बात को पूरी तरह नकारते हैं और कहते हैं कि यह सीधा कारण नहीं, बल्कि एक रिस्क फैक्टर मात्र हो सकता है. तो आइए, इस खबर में हम जानते हैं कि विटामिन-डी हमारे शरीर में क्या भूमिका निभाता है और कैंसर से इसका संबंध कितना गहरा है.
शरीर में विटामिन-डी का महत्व
विटामिन-डी सेल्स को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाता है. यह सेल्स की वृद्धि को कंट्रोल करता है, सूजन को कम करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. ये तीनों ही कैंसर से बचाव के लिए जरूरी हैं. शोध बताते हैं कि यह विटामिन सेल्स को नुकसान से बचाने और असामान्य बदलावों को रोकने में मदद करता है. अगर इसकी कमी हो, तो शरीर की यह सुरक्षा कमजोर पड़ सकती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ सकता है.
शोध क्या कहते हैं?
कई अध्ययनों ने विटामिन-डी और कैंसर के बीच संबंध को समझने की कोशिश की है. कोलोरेक्टल कैंसर के मामले में इस बीमारी का जोखिम कम पाया गया. वहीं, ब्रेस्ट और फेफड़ों के कैंसर में कोई ठोस संबंध नहीं मिला. हैरानी की बात यह है कि प्रोस्टेट और पैंक्रियाटिक कैंसर में बहुत ज्यादा विटामिन-डी से खतरा बढ़ने की बात भी सामने आई. एक मेटा-एनालिसिस में यह भी पाया गया कि विटामिन-डी की कमी वाले लोगों में कैंसर से मृत्यु का खतरा अधिक था. हालांकि, वैज्ञानिक मानते हैं कि यह अकेला कारण नहीं है, बल्कि खराब डाइट और धूम्रपान जैसे फैक्टर इसे और बढ़ाते हैं.
कैसे रखें विटामिन-डी का लेवल सही?
विटामिन-डी की कमी से बचने के लिए धूप में 10-30 मिनट बिताना, मछली, अंडे और फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स खाना फायदेमंद है. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.