यहां मिले 10 करोड़ साल पुराने डायनासोर के अंडे, इसका इतिहास जानकर सांइटिस्ट भी दंग!
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यहां मिले 10 करोड़ साल पुराने डायनासोर के अंडे, इसका इतिहास जानकर सांइटिस्ट भी दंग!

Dinosaur Eggs: एक साल से ज्यादा समय तक वैज्ञानिकों को यही लगता रहा कि वहां सिर्फ एक तरह के अंडे हैं. लेकिन जब उन्होंने 20 अलग-अलग जगहों से 4000 से ज्यादा अंडों के टुकड़े इकट्ठा कर माइक्रोस्कोप से जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.

 

यहां मिले 10 करोड़ साल पुराने डायनासोर के अंडे, इसका इतिहास जानकर सांइटिस्ट भी दंग!

Dinosaur Eggs Found In Utah: आज का सेंट्रल यूटाह 10 करोड़ साल पहले एकदम अलग था, जहां सिर्फ चट्टानें और सूखा दिखाई देता है. तब यह इलाका पानी, दलदलों और घने जंगलों से घिरा हुआ था. इस हरे-भरे वातावरण में डायनासोर और शुरुआती स्तनधारी एक ही जलस्रोत से पानी पीते थे, जबकि पुराने मगरमच्छ पानी में छिपे रहते और अचानक शिकार पर झपटते थे. यह पूरा इलाका पश्चिमी समुद्र के किनारे एक जीवंत इकोसिस्टम था, जहां जीवों को जिंदा रहने के लिए लगातार खुद को ढालना पड़ता था. हाल ही में यहां की सेडर माउंटेन फॉर्मेशन के मुस्सनटुचित हिस्से से मिले जीवाश्मों और अंडों के टुकड़ों ने वैज्ञानिकों को उस समय के जीवन की एक दुर्लभ झलक दी है.

20 जगहों से मिले 4000 डायनासोर अंडों के टुकड़े

एक साल से ज्यादा समय तक वैज्ञानिकों को यही लगता रहा कि वहां सिर्फ एक तरह के अंडे हैं. लेकिन जब उन्होंने 20 अलग-अलग जगहों से 4000 से ज्यादा अंडों के टुकड़े इकट्ठा कर माइक्रोस्कोप से जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली. अंडों की बनावट के आधार पर कम से कम छह अलग-अलग प्रजातियों के डायनासोरों की पहचान हुई. इसका मतलब ये था कि कई तरह के डायनासोर एक ही इलाके में अंडे दे रहे थे.

ओविरैप्टरोसॉरस की अंडों में विविधता

ज्यादातर अंडे ओविरैप्टरोसॉरस नामक पंख वाले डायनासोर के थे. इनके अंडे लंबे और पतले होते थे बिलकुल पक्षियों जैसे. ऐसा आकार शायद इसलिए था ताकि रेत में दबे रहने पर भी अंडों में ऑक्सीजन जा सके. कुछ अंडे ओर्निथोपोड नामक दो पैरों पर चलने वाले शाकाहारी डायनासोरों के थे. सबसे चौंकाने वाली खोज Mycomorphoolithus kohringi नाम के अंडों की हुई, जो पहले सिर्फ यूरोप में मिले थे. ये मगरमच्छों के पूर्वज जैसे जीवों के अंडे थे, जो बताते हैं कि ये प्रजातियां अमेरिका में भी रहती थीं.

कैसे थे अंडे देने वाले जीव

ओविरैप्टरोसॉरस मध्यम आकार के होते थे, जिनके शरीर पर पंख होते थे और मजबूत चोंच होती थी. इनके अलावा वैज्ञानिकों ने 'मोरॉस' नाम का एक घोड़े जितना बड़ा टायरेनोसॉर और 'लानी' नामक एक शाकाहारी जीव भी खोजा. ओर्निथोपोड डायनासोर भी बहुत बड़ी संख्या में मौजूद थे, हालांकि उनके पूरे कंकाल कम ही मिलते हैं. उनके मोटे अंडों की दीवार बताती है कि वो अंडों को पत्तियों और पौधों के बीच छिपाकर रखते थे.

क्या बताते हैं अंडों के संकेत

अंडों की मोटाई, उनके छिलकों में छिद्रों की बनावट और अंडों के बीच की दूरी से उस समय की मिट्टी की नमी, वनस्पति और माता-पिता की देखभाल की आदतों के बारे में पता चलता है. छह अलग-अलग अंडा प्रजातियों से पता चलता है कि वहां मगरमच्छ जैसे जीव रेत के ढेर में, ओविरैप्टरोसॉरस रेत में अंडे जमाकर और ओर्निथोपोड पत्तियों के नीचे अंडे रखते थे. माइक्रोस्कोप से की गई जांच में अंडों की सतह पर इतने बारीक क्रिस्टल दिखे जो इंसानी बाल से भी पतले थे. इससे वैज्ञानिक अंडों के टुकड़ों को सही जीव से जोड़ पाए.

यह सब दिखाता है कि उस समय का यूटाह एक बेहद विविध और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र था, जहाँ अलग-अलग जीव एक साथ रहते और अपने-अपने तरीके से संसाधनों का उपयोग करते थे.

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