Supertech News: सुपरटेक से जुड़े मामले में पिछले दिनों एनसीएलएटी (NCLAT) ने पिछले दिनों 9500 करोड़ रुपये के लागत वाले इन प्रोजेक्ट को पूरा करने लिए एनबीसीसी को कंसलटेंट नियुक्त किया था.
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Supertech Homes: सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज में डूबी रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के 16 हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एनसीएलएटी (NCLAT) के आदेश पर रोक लगा दी. राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT)ने अपने आदेश में करीब 9,500 करोड़ रुपये के लागत वाले इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनबीसीसी (NBCC) को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट नियुक्त किया था.
NCLAT के आदेश के खिलाफ दो अपीलों पर सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने एनसीएलएटी (NCLAT) के आदेश के खिलाफ दो अपीलों पर सुनवाई की. पीठ ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए और एनसीएलएटी (NCLAT) के आदेश पर रोक लगा दी. न्यायालय ने कहा कि वह जांच करेगी कि एनसीएलएटी ने आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एनबीसीसी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार बनाते समय क्या दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता की प्रक्रिया का पालन किया या नहीं.
27000 घर खरीदारों को घर मिलने का इंतजार
एनसीएलएटी ने 12 दिसंबर, 2024 को एनबीसीसी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और कर्नाटक में 49,748 घरों वाली 16 आवास परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी दी थी. इन प्रोजेक्ट में करीब 27,000 घर खरीदार घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं. आपको बता दें सुपरटेक के 16 प्रोजेक्ट में हजारों घर खरीदार सालों से फंसे हुए हैं।
सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने एक बयान में कहा, 'हम एनसीएलएटी के उस आदेश पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, जिसमें एनबीसीसी को भूमि प्राधिकरणों और ऋणदाताओं जैसे अन्य पक्षों के हितों का सम्मान किए बिना मनमाने ढंग से सुपरटेक की परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने की अनुमति दी गई थी.' उन्होंने कहा, 'प्रवर्तक के तौर पर हम घर खरीदने वालों, बैंकरों और भूमि प्राधिकरणों सहित सभी हितधारकों के लिए एक समाधान चाहते हैं.'