सावन पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग, इस तरह करेंगे पूजा तो सावन भर मेहरबान रहेंगे शिवजी
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सावन पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग, इस तरह करेंगे पूजा तो सावन भर मेहरबान रहेंगे शिवजी

Sawan Purnima 2025: शास्त्रों में सावन मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व बताया गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि सावन पूर्णिमा कब है, पूजन विधि और खास उपाय क्या है. 

सावन पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग, इस तरह करेंगे पूजा तो सावन भर मेहरबान रहेंगे शिवजी

Sawan Purnima 2025 Upay: सावन माह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है. यह महीना पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है. धार्मिक मान्यता है कि सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा, व्रत और नाम-स्मरण से व्यक्ति की मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं क्योंकि यह मास शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम समय होता है. इस साल सावन 11 जुलाई 2025 से आरंभ होगा और इसका समापन 19 अगस्त 2025 को सावन पूर्णिमा के साथ होगा. खास बात यह है कि 19 अगस्त को ही रक्षाबंधन का पावन पर्व भी मनाया जाएगा, जिससे इस दिन का आध्यात्मिक और पारिवारिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है.

सावन पूर्णिमा 2025 तिथि

सावन पूर्णिमा तिथि- 19 अगस्त 2025
पवित्र दिन: शनिवार, 9 अगस्त 2025
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 8 अगस्त, दोपहर 02:12 PM से
तिथि समाप्ति- 9 अगस्त, दोपहर 01:24 PM तक रहेगी

सावन पूर्णिमा का महत्व

वैदिक पंचांग के अनुसार, यह साल की पांचवीं पूर्णिम होती है, जिसमें चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है. इस पूर्णिमा पर भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है. पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा की ऊर्जा अपने चरम पर होती है और जब यह दिन सावन माह में आता है, तो इसका धार्मिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है.

सावन पूर्णिमा की पूजा विधि

सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें. यदि संभव हो तो किसी नदी या तीर्थ स्थल में स्नान करें. अन्न, वस्त्र, घी, फल, और जरूरत का सामान गरीबों व ब्राह्मणों को दान दें.

शिवलिंग पर बेलपत्र, जल, दूध, शहद अर्पित करें. विष्णु जी को तुलसी पत्र और पीले पुष्प चढ़ाएं. सावन पूर्णिमा का व्रत रखने से पाप नाश होते हैं और पुण्य बढ़ता है.

रात्रि में चंद्रदर्शन कर जल अर्पित करें और व्रत का पारण करें. "ॐ नमः शिवाय" का रुद्राक्ष माला से जप करें. यह मानसिक शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है.

सावन पूर्णिमा के उपाय

सावन पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान कर शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल में थोड़े से अक्षत (चावल) मिलाकर चढ़ाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से दरिद्रता दूर हो जाती है. रोजगार और व्यापार में अचानक लाभ मिलता है. धन संबंधित बाधाएं दूर होती हैं.

चंद्रमा को अर्घ्य देकर करें धन-समृद्धि की कामना

रात्रि में चंद्रमा के दर्शन करें और शुद्ध जल, दूध और सफेद फूल से अर्घ्य दें। साथ ही, चांदी या स्टील के पात्र में थोड़ा सा मिश्री डालें. कहा जाता है कि ऐसा करने पर मानसिक तनाव और चंद्र दोष से राहत मिलती है. व्यापार और आय में निरंतर वृद्धि होती है. वैवाहिक जीवन मधुर होता है. मंत्र- "ॐ सों सोमाय नमः" का 21 बार जप करें.

बिल्व पत्र पर इच्छाएं लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें

बिल्व पत्र पर लाल चंदन से अपनी प्रमुख इच्छा (जैसे नौकरी, विवाह, कर्ज मुक्ति) लिखें और उसे शिवलिंग पर चढ़ाएं. चढ़ाते समय हाथ जोड़कर मनोकामना स्पष्ट रूप से शिवजी को कहें. मान्यता है कि इस उपाय को करने से जो कार्य लंबे समय से अटके हैं, उनमें सफलता मिलती है. कर्ज, कोर्ट-कचहरी, नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं. संतान सुख या विवाह में आने वाली रुकावटें मिटती हैं. मंत्र- "ॐ त्र्यंबकं यजामहे..." महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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दीपेश ठाकुर

दीपेश ठाकुर, पिछले 10 वर्षों से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं. श्रीठाकुर के पास प्रिंट और डिडिटल मीडिया में अच्छा अनुभव है. इस वक्त Zee News वरीय उप-संपादक के तौर पर कार्यरत हैं. ज्योतिष शास्त्र...और पढ़ें

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