मुनीर को जिनपिंग पर नहीं ट्रंप पर भरोसा? कैसे बचा पाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जब खुद के F-35 में 72 छेद!
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मुनीर को जिनपिंग पर नहीं ट्रंप पर भरोसा? कैसे बचा पाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जब खुद के F-35 में 72 छेद!

ऑपरेशन सिंदूर में भारत के शूरवीरों का दमखम दुनिया ने देखा. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बयान से साफ है कि भारत ने सिर्फ पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन को शिकस्त नहीं दी. अमेरिका को भी अपना शौर्य दिखा दिया.

मुनीर को जिनपिंग पर नहीं ट्रंप पर भरोसा? कैसे बचा पाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जब खुद के F-35 में 72 छेद!

Operation Sindoor News: ऑपरेशन सिंदूर में भारत के शूरवीरों का दमखम दुनिया ने देखा. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बयान से साफ है कि भारत ने सिर्फ पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन को शिकस्त नहीं दी. अमेरिका को भी अपना शौर्य दिखा दिया. लेकिन आसिम मुनीर को अब भी अमेरिका की ताकत पर पूरा भरोसा है. इसलिए दो महीने में मुनीर दो बार अमेरिका जा चुका है. घोषित तौर पर भले ही मुनीर के दौरे का मकसद कुछ भी रहा हो लेकिन असल में मुनीर चाहता है कि ट्रंप उसे भारत से बचाएं. आज हम मुनीर के इस डर का विश्लेषण करेंगे. लेकिन पहले आपको बताते हैं कि आज मुनीर के डर का मीटर हाई क्यों हैं. क्यों मुनीर चीन का साथ छोड़कर अमेरिका के साथ हथियारों की डील करना चाहता है.

पाकिस्तान का भारी नुकसान

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने 300 किलोमीटर दूर खुफिया जानकारी जुटानेवाला पाकिस्तान का एक एयरक्राफ्ट भी मार गिराया था. ये एक रिकॉर्ड है. ये पहली बार है जब जंग में किसी देश ने 300 किलोमीटर दूर दुश्मन देश का एयरक्राफ्ट मार गिराया है. आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने दुनिया को ये बात बताई. मुनीर ये सच पहले से जानता था. आज एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने जो कहा उससे मुनीर का डर और बढ़ गया है

एयर चीफ मार्शल की चेतावनी और ऑपरेशन सिंदूर में हुई तबाही के बाद आसिम मुनीर ट्रंप की शरण में क्यों हैं. इसे समझने के लिए हमें समझना होगा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान को कैसे चोट पहुंचाई.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान से 7 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. भारत की ब्रह्मोस और ड्रोन ने जब पाकिस्तान में तबाही मचाई तो पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. क्योंकि भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया था.

पाकिस्तान की पिटाई के साथ नीलाम हुई थी चीनी हथियारों की इज्जत

पाकिस्तान से पास चीन का HQ9 एयर डिफेंस सिस्टम था. दावा किया जाता है कि सरफेस टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की अटैकिंग पावर 250 किलोमीटर तक है. लेकिन ये एयर डिफेंस सिस्टम भी पाकिस्तान को भारत के प्रचंड प्रहार से बचा नहीं पाया.

पाकिस्तान के पास चीन के J-7, J-10C और  JF-17 जैसे चाइनीज फाइट्स जेट्स हैं. लेकिन ये जेट्स भारत के हमले से पाकिस्तान की रक्षा नहीं कर पाए.

चीन से मिलने इन हथियारों को पाकिस्तान अपनी ताकत मानता था. लेकिन भारत के अटैक से ये हथियार पाकिस्तान को नहीं बचा जाए. यहां तक कि  चीन की जिस PL-15 मिसाइल पर भारत को घमंड था. वो मिसाइल अपने टारगेट तक भी नहीं पहुंच पाई. भारतीय हमले के सामने पाकिस्तान के सारे चाइनीज हथियार फेल हो गए. इसलिए मुनीर टेंशन में हैं क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मुनीर समझ चुका है कि भारत की ताकत से उसे जिनपिंग नहीं बचा सकते हैं. उसे डर सता रहा है कि अगली बार अगर भारत के सामना हुआ तो पाकिस्तान चंद घंटों में ही पूरी तरह तबाह हो जाएगा.

ट्रंप की शरण में मुनीर

ऐसे में भारत की ब्रह्मोस पावर से डरा मुनीर अब ट्रंप की शरण में हैं. मुनीर चाहता है कि ट्रंप अब फौरन से पाकिस्तान को ऐसे हथियार दें जो उसे भारत से बचा सकें. वहीं मुनीर अमेरिका के साथ हथियारों की खरीद का सौदा करना चाहता है.

पाकिस्तान अब तक अपनी रक्षा से जुड़े साजो-सामान का 80 प्रतिशत हिस्सा चीन से खरीदता रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के चीन के हथियारों की पोल खुलने के बाद अब मुनीर की नजर अमेरिकी हथियारों पर है. भारत ने 300 किलोमीटर दूर पाकिस्तान का एयरक्राफ्ट मार गिराया है.

मुनीर को थाड चाहिए

इसलिए मुनीर की नज़र अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम थाड़ पर है. THAAD 870 से एक हजार किलोमीटर दूर तक के खतरों को इंटरसेप्ट कर सकता है. THAAD का इंटरसेप्टर सिस्टम मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देता है. मुनीर की मिन्नत के बाद भी अमेरिका पाकिस्तान को THAAD एयर डिफेंस सिस्टम नहीं देगा. ऐसा इसलिए है कि क्योंकि अमेरिका की ये पॉलिसी है कि जहां उसकी सैन्य तैनाती होगी वहीं THAAD एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती होती है. ऐसे में मुनीर अमेरिका से पैट्रियट मिसाइल सिस्टम मांग सकता है.

पैट्रियट की ताकत जानिए

पैट्रियट सिस्टम लगभग 68 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है.
इसका रडार 50 लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक कर सकता है.
पैट्रियट सिस्टम एक साथ 5 टारगेट को निशाना बना सकता है.
पैट्रियट की इंटरसेप्टर मिसाइलें 24 किलोमीटर से ज़्यादा की उंचाई तक पहुंच सकती हैं.
ये 160 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को तबाह कर सकती हैं.

'उधार चाहिए हथियार'

अमेरिका थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक ने एक पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की कीमत 1 अरब डॉलर से ज़्यादा है. पाकिस्तान की आर्थिक हालात ऐसी नहीं है कि वो पैट्रियट मिसाइल सिस्टम अफोर्ड कर पाए. हालांकि कर्ज लेकर जीने की आदत पाकिस्तान को पहले से है.

ऐसे में मुनीर को उम्मीद है कि ट्रंप पाकिस्तान पैट्रियट मिसाइल सिस्टम उधारी में बेच सकते हैं. मुनीर को ये उम्मीद इसलिए होगी क्योंकि थोड़े दिन पहले ही ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ तेल वाली ट्रेड डील की है, पाकिस्तान पर भारत के मुकाबले कम टैरिफ लगाया है और पाकिस्तान ने ट्रंप के क्रिप्टो वाले कारोबार में निवेश किया है. इसलिए मुनीर बार-बार अमेरिका जा रहा है, ताकी वो ट्रंप से हथियारों की डील कर सके.

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