Chaiti Chhath Puja 2025: चैत्र मास में पड़ने वाली छठ पूजा को सूर्य देव की उपासना के लिए बेहद खास माना गया है. नहाय खास से इस पर्व की शुरुआत होती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस बार चैती छठ कब से शुरू है.
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Chaiti Chhath Puja 2025: छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है. एक बार चैत्र माह में और दूसरी बार कार्तिक माह में. यह पर्व पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका आयोजन होता है.छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है क्योंकि इसमें भगवान सूर्य की प्रत्यक्ष उपासना की जाती है. इस पूजा में शुद्धता और नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं चैती छठ 2025 का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व.
शास्त्रों के अनुसार, चैती छठ में भगवान सूर्य और माता षष्ठी की आराधना की जाती है. यह पूजा चार दिन तक चलती है और इसमें विशेष विधि-विधान का पालन किया जाता है.
पहला दिन (नहाय-खाय)- इस दिन व्रतधारी शुद्ध भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करते हैं.
दूसरा दिन (खरना)- शाम को विशेष प्रसाद ग्रहण किया जाता है, जिसमें गुड़ और चावल की खीर का विशेष महत्व होता है.
तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य)- डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
चौथा दिन (उषा अर्घ्य)- उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का समापन होता है.
चैती छठ 2025: तिथियां और मुहूर्त
1 अप्रैल 2025 – नहाय-खाय (व्रत की शुरुआत)
2 अप्रैल 2025 – खरना (विशेष प्रसाद ग्रहण)
3 अप्रैल 2025 – संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
4 अप्रैल 2025 – उषा अर्घ्य (उगते सूर्य को अर्घ्य और व्रत समाप्त)
चैती छठ का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, छठ महापर्व के दौरान व्रती 36 घंटे तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए कठोर उपवास रखते हैं। इस पर्व में शुद्ध मन से भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने से बड़े से बड़े रोग, दोष और कष्ट दूर हो जाते हैं, साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. विशेष रूप से, यदि निःसंतान दंपति छठ व्रत रखकर भगवान सूर्य और माता षष्ठी की श्रद्धा पूर्वक आराधना करते हैं, तो उन्हें शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)