Hanuman Interesting Story: हनुमानजी को चिरंजिवी माना गया है. कहते हैं कि कलयुग में भी हनुमानजी धरती पर निवास करते हैं. कहते हैं कि एकबार हनुमान जी को शेर का रूप लेना पड़ा. आइए जानते हैं कि हनुमान जी को शेर का रूप क्यों लेना पड़ा और इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है.
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Hanuman Interesting Story: हनुमान जी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, लेकिन बहुत कम ही सुनने को मिलता है कि उन्होंने किसी अन्य जीव का रूप धारण किया हो. वे स्वयं वानर स्वरूप में हैं, जबकि शेर का संबंध भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार से है. कहते हैं कि एकबार हनुमानजी को शेर का रूप धारण करना पड़ा था. आइए जानते हैं कि आखिर हनुमान को किन वजहों से शेर का रूप धारण करना पड़ा.
हनुमानजी ने क्यों लिया शेर का रूप
राजस्थान के जयपुर में स्थित गोविंद देव जी मंदिर मूल रूप से वृंदावन में था. यह सात मंजिला भव्य मंदिर था, जिसकी छत पर हर समय सात मन घी का दीपक जलता रहता था. एक रात, जब मुगल बादशाह औरंगजेब अपने किले की छत पर खड़ा था, तो उसे यह दीपक चांद जैसा प्रतीत हुआ. जब उसे बताया गया कि यह गोविंद देव जी मंदिर का दीपक है, तो क्रोधित होकर उसने मंदिर की चार मंजिलें गिराने का आदेश दे दिया.
ब्रजवासियों की प्रार्थना सुनकर हनुमान जी सिंह के रूप में प्रकट हुए और औरंगजेब को चेतावनी दी कि यदि वह वहां से नहीं गया, तो उसकी सात पीढ़ियां नष्ट हो जाएंगी. इस घटना के बाद, आज भी गोविंद देव जी के मंदिर की रक्षा के रूप में हनुमान जी का सिंह रूप में एक मंदिर स्थापित है, जहां भक्त उनके दर्शन करते हैं.
हनुमान जी और नरसिंह अवतार का संबंध
एक अन्य मान्यता के अनुसार, हनुमान जी ने भगवान नरसिंह की आराधना और उनकी शक्ति को दर्शाने के लिए शेर का रूप धारण किया था. वे भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे और नरसिंह अवतार से विशेष प्रेरणा लेते थे. दक्षिण भारत के कई मंदिरों में हनुमान जी को "नरसिंह हनुमान" के रूप में पूजा जाता है, जहां वे शेर के चेहरे और मानव शरीर के साथ दर्शाए जाते हैं. यह रूप उनकी अद्वितीय शक्ति और भगवान विष्णु के प्रति उनकी अटूट भक्ति को दर्शाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)