क्या बच्चे की मृत्यु के बाद उसी परिवार में उसका जन्म होगा? प्रेमानंद महाराज से जानिए
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क्या बच्चे की मृत्यु के बाद उसी परिवार में उसका जन्म होगा? प्रेमानंद महाराज से जानिए

Premanand Maharaj: एक भक्त ने प्रेमानंद महाराजजी से पूछा कि क्या बच्चे की आकस्मिक मृत्यु के बाद उसी परिवार में उसका जन्म हो सकता है? आइए जानते हैं कि इस सवाल के उत्तर में प्रेमानंद महाराज जी ने क्या जवाब दिया.

 

क्या बच्चे की मृत्यु के बाद उसी परिवार में उसका जन्म होगा? प्रेमानंद महाराज से जानिए

Premanand Maharaj: प्रेम, करुणा और आत्म-सेवा की सीख देने वाले आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों से लोगों को प्रेरित करते हैं. महाराज जी के दर्शन के लिए बड़ी से बड़ी हस्तियां आती हैं. लोग प्रेमानंद महाराज के दर्शन के साथ-साथ अपने मन की जिज्ञासा प्रकट करते हैं. महाराज जी अपने विचारों से लोगों की जिज्ञासा का समाधान करते हैं. एक भक्त ने प्रेमानंद महाराजजी से पूछा कि क्या बच्चे की आकस्मिक मृत्यु के बाद उसी परिवार में उसका जन्म हो सकता है? आइए जानते हैं कि इस सवाल के उत्तर में प्रेमानंद महाराज जी ने क्या जवाब दिया. 

क्या बच्चा दुबारा उसी परिवार में जन्म लेगा?

श्रद्धालु से इस प्रश्न का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि अब ये तो भगवान बता सकते हैं कि उसका क्या संयोग बैठेगा. हम इसके त्रिकालज्ञ तो नहीं. महाराज जी कहते हैं कि अब वो कहां जन्मेगा यह कोई सिद्धांत नहीं है. उन्होंने कहा कि कौन सा शुभ कर्म और कौन सा अशुभ कर्म उसको कहां ले जाता है, ये तो विधना ने जो लिख दिया वही विधान है. महाराज जी कहते हैं कि मेरे पास कोई साधना नहीं है. प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि ये तो ब्रह्माजी बता सकते हैं कि वो कहां जन्मेगा.

संत प्रेमानंद महाराज ने बताया कि यह प्रश्न बहुत गहरा और आध्यात्मिक है, और इसे लेकर अलग-अलग संतों, ग्रंथों और परंपराओं में भिन्न-भिन्न मत हैं. प्रेमानंद जी महाराज जी के प्रवचनों और विचारों के अनुसार पुनर्जन्म और पूर्व जन्म के संबंध पर कुछ बातें कही जाती हैं.

प्रेमानंद जी महाराज कई बार अपने प्रवचनों में पुनर्जन्म की बात करते हैं. वे यह कहते हैं कि जीवात्मा अजर-अमर है और शरीर बदलता रहता है. आत्मा कर्मों के अनुसार जन्म लेती है. प्रेमानंद जी महाराज यह भी कहते हैं कि- "जिसके मन में जहां गहरी आसक्ति होती है, उसी क्षेत्र में उसका पुनर्जन्म होता है। लेकिन अंतिम निर्णय ईश्वर और कर्मों का होता है."

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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