Social Media Post: युवाओं के बीच सोशल मीडिया के सुरक्षित इस्तेमाल को लेकर हाल के वर्षों में काफी बहस छिड़ी है. दरअसर Gen Z यानी कि जिनका जन्म 1997 से 2010 के बीच हुआ है, पहली ऐसी पीढ़ी है जिसे यंग एज में Social Media Platform मिला. लेकिन आज इसी का कारण युवा कई समस्याएं झेल रहे हैं.
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Gen Z News: यूरोपीय आयोग द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है कि ये ऐसी पहली पीढ़ी थी जिसने किशोरावस्था में ही सोशल मीडियो को अपनाया लेकिन अब इन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. दरअसल अध्ययन में सामने आया है कि ये युवा मानसिक तनाव, चिंता, फोमो(Fear of Missing Out)थकान, फोन में उलझे रहने जैसे व्यवहार तेजी से बढ़ रहे हैं.
क्या सोशल मीडिया है जिम्मेदार?
युवाओं की इस लत को बढ़ाने में सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स की Algorithm Strategies का भी काफी हद तक योगदान रहा है. इनका सिर्फ एक ही मक्सद था कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा समय तक स्क्रीन के सामने बिठाए रखना. नतीजतन युवाओं में तनाव और थकान की समस्या बढ़ती जा रही है.
कब लगी सोशल मीडिया की लत?
Coid-19 महामारी के दौरान जब दुनिया लॉकडाउन में चली गई थी तब लोगों की जिंदगी इंटरनेट की सीमित होकर रह गई थी. उसी समय जेन जी की शिक्षा, मनोरंजन और सोशल लाइफ भी ऑनलाइन हो गए. इस बीच इनकी दोस्ती, पहचान, प्यार और संवाद भी स्क्रीन तक ही लिमिटेड होकर रह गए.
इसके लिए क्या करना चाहिए?
टेक कंपंनियां Algorithm User के आधार पर सभी यूजर्स को कंटेंट परोसते हैं जिससे उन्हं इंटरनेट की लत लग गई है. हालांकि सोशल मीडिया को लेकर कई देशों में सीमाएं तय की गई हैं और कुछ कड़े नियम भी बनाए गए हैं. बचने के लिए, Social Media का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि संवाद के लिए करें और Screen Time की एक सीमा तय करें.
FAQ
Q1. भारत में कितने सोशल मीडिया यूजर हैं?
Ans: देश में इस समय 45 करोड़ से भी ज्यादा सोशल मीडिया यूजर हैं.
Q2. Gen Z को सोशल मीडिया की लत मुख्य रूप से कब लगी?
Ans: इस पीढ़ी को इसकी लत कोविड-19 के दौरान लगी.
Q3. इसे कैसे कम किया जा सकता है?
Ans: सोशल मीडिया की लत को कम करने के लिए इसके सही इस्तेमाल और स्क्रीन टाइम बैलेंस को समझना होगा.