Air India: सुझाव दिया गया है कि एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी रखने वाली सिंगापुर एयरलाइंस SIA फिलहाल मार्गदर्शन और संचालन में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती है. यह सिर्फ एयर इंडिया की छवि की बात नहीं है.
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गुजरात के अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश ने पूरी दुनिया को हिला दिया था. इसके अलावा भी हाल के दिनों में एयर इंडिया को लेकर काफी चर्चाएं हुई हैं. इसके बाद टाटा समूह और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच कई अहम बैठकें हुईं. इसी कड़ी में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और सचिव समीर कुमार सिन्हा से मुलाकात की. इससे पहले एयरलाइन के CEO कैंपबेल विल्सन और सरकारी अधिकारियों के बीच तीन दिनों तक गहन चर्चा हुई. इस दौरान सुरक्षा और संचार से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई.
सरकार को बताया गया सुरक्षा पर उठाए गए कदम क्या हैं?
असल में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रशेखरन ने सरकार को एयर इंडिया द्वारा उठाए गए सुरक्षा सुधारों की जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक सप्ताह की शुरुआत में एक बैठक रात 10 बजे तक चली. इसमें उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे एयर इंडिया यात्रियों का भरोसा दोबारा जीतने की योजना पर काम कर रही है. एयरवर्थीनेस, इंजीनियरिंग और मेंटेनेंस को तत्काल प्राथमिकता के क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है.
मेंटेनेंस में गड़बड़ियां और कल्चर की टकराहट..
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया में अक्सर स्पेयर पार्ट्स की कमी होती है. जिससे विमानों को मिनिमम इक्विपमेंट लिस्ट MEL के तहत उड़ाना पड़ता है. हालांकि MEL नियमों के तहत यह सुरक्षित माना जाता है. फिर भी इससे सुरक्षा संस्कृति पर सवाल उठते हैं. साथ ही विस्तारा और एयर इंडिया के विलय के बाद दोनों की अलग कार्य संस्कृति के कारण संचालन में कई दिक्कतें आई हैं. यह भी माना जा रहा है कि संचालन से ज्यादा समस्याएं इंजीनियरिंग और मेंटेनेंस में हैं.
सिंगापुर एयरलाइंस की हो सकती है भूमिका?
सुझाव दिया गया है कि एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी रखने वाली सिंगापुर एयरलाइंस SIA फिलहाल मार्गदर्शन और संचालन में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती है. यह सिर्फ एयर इंडिया की छवि की बात नहीं है बल्कि टाटा और SIA जैसे नए प्रमोटर्स की विश्वसनीयता भी दांव पर है. इसलिए एयर इंडिया को पहले सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. न कि सिर्फ तेजी से विस्तार करने पर ध्यान देना.
'सुरक्षा पहले, विस्तार बाद' का संदेश
एयर इंडिया ने अहमदाबाद हादसे के बाद कुछ उड़ानें घटा दी हैं. सूत्रों का मानना है कि अब पूरे विमानन उद्योग को ‘सुरक्षा पहले विस्तार बाद में’ का मैसेज देना होगा. बोइंग के उदाहरण को भी बैठक में रखा गया जो कभी इंजीनियरिंग की मिसाल था लेकिन जल्दबाजी में B737 MAX बनाने के कारण दो बड़े हादसों के बाद उसकी छवि गिर गई. अब वह फिर से सुरक्षा को प्राथमिकता देकर भरोसा जीतने की कोशिश कर रहा है. यही रास्ता एयर इंडिया और अन्य भारतीय एयरलाइनों को अपनाना होगा.
FAQ
Q1: एयर इंडिया को लेकर सरकार और टाटा समूह के बीच बैठक क्यों हुई?
Ans: अहमदाबाद क्रैश और हालिया सुरक्षा मुद्दों के बाद सुधार की रणनीति पर चर्चा के लिए यह बैठक हुई.
Q2: बैठक में किन मुख्य समस्याओं पर चर्चा हुई?
Ans: मेंटेनेंस, एयरवर्थीनेस और पोस्ट-मर्जर कल्चर जैसी तकनीकी व प्रबंधन से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रहीं.
Q3: क्या सिंगापुर एयरलाइंस की भूमिका बढ़ सकती है?
Ans: हां. SIA को संचालन में मार्गदर्शक भूमिका देने पर विचार हुआ है क्योंकि वह AI में 25.1% हिस्सेदार है.
Q4: एयर इंडिया में क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं?
Ans: फ्लाइट कटौती सुरक्षा प्राथमिकता और मेंटेनेंस सुधार जैसे बदलाव जल्द नजर आ सकते हैं.