Manipur Violence Affecting Agriculture: मणिपुर में हिंसा के कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि अब महीनों बाद कुछ उम्मीद की किरण देखी जा रही है.
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Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है. यहां इंफाल घाटी मे रहने वाले मैते और कुकी जनजाति समेत आसपास की पहाड़ियों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के बीच हिंसा छिड़ी है. इस हिंसा ने विकराल रूप लिया है, जिसमें अबतक कई लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा से राज्य में न केवल अशांति फैली है, बल्कि यहां की खेती पर भी काफी असर पड़ा है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
खेती को पहुंच रहा नुकसान
मणिपुर में पिछले कई महीनों से जारी हिंसा के कारण कई किसानों को अपनी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इससे उनकी काफी फसलें बर्बाद हुईं. वहीं नाकेबंदी और हर तरफ फैली हिंसा के कारण किसान अपनी फसलों को मंडी तक पहुंचाने में भी संघर्ष कर रहे हैं. इससे या तो उनकी फसलें खराब हो रही हैं या फिर उन्हें कम कीमतों में बेचना पड़ रहा है. इतना ही नहीं यहां कृषि कार्यों के लिए श्रमिक भी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे फसलों की कटाई-बुवाई में देरी हो रही है. अब महीनों बाद यहां कुछ उम्मीद की किरण दिखी है.
सुरक्षाबलों के बीच खेती कर रहे किसान
मणिपुर के सीमावर्ती गांव वारोइचिंग और खामोंग में हिंसा के बाद में खेतों में थोड़ी शांति लौटी है. हिंसा के बाद से यहां के किसान डरे-सहमे थे, जिससे उनकी खेती भी प्रभावित हो रही थी, लेकिन अब सुरक्षाबलों के लगातार निगारनी से यहां वापस खेती शुरू हो गई है. सुबह से दोपहर तक कुकी और मैते दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने खेतों में काम कर रहे हैं.
#WATCH | Life restarts in Manipur’s conflict-hit villages through farming
#manipur #imphal #farming pic.twitter.com/DIWT6Pj8uH— ANI (@ANI) July 26, 2025
इसको लेकर अरंबम हीरोजीत नाम के एक किसान ने बताया कि सुरक्षाबलों की निगरानी के बाद से वह आराम से खेती कर पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सुरक्षाबलों की देखरेख से उन्हें काफी सुविधा मिल रही है और सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
डर के बीच में खेती
मणिपुर में बुवाई का मौसम शुरू हो गया है. इसे देखते हुए यहां किसानों की सुरक्षा के लिए बंदोबस्त किए गए हैं. यहां की खेती वाली जगहों पर मणिपुर पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. यहां पर जिला अधिकारियों और पुलिस समेत समुदाय के लोगों से बातचीत भी की जा रही है. अधिकारियों ने किसानों को संवेदनशील जगहों पर खेतों के लिए जाने से पहले सर्तक रहने और सुरक्षाबलों को सूचित करने के लिए कहा है.