Science News in Hindi: हवाई के सुदूर जंगलों में वैज्ञानिक एक विशाल ड्रोन की मदद से मच्छरों के झुंड को नीचे गिरा रहे हैं. बताया जा रहा है कि ऐसा हनीक्रीपर्स की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है.
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Mosquito from Drone: ड्रोन का इस्तेमाल कर के वैज्ञानिक हवाई में मच्छरों के झुंड को छोड़ रहे हैं. सुनने में शायद ये आपको किसी साइंस-फिक्शन मूनी का सीन लगे लेकिन हवाई में जीवन को बचाने के लिए वैज्ञानिक ड्रोन के माध्यम से मच्छरों को नीचे गिरा रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि हवाई द्वीप पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है.
द्वीप पर खतरा
आपको बता दें कि बेहद ही खूबसूरत हवाई द्वीप पर एक बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है. पहले बड़ी तादाद में यहां रहने वाले हनीक्रीपर पक्षी यहां खतरे का सामना कर रहे हैं. इसका कारण एवियन मलेरिया को बताया जा रहा है जो मच्छरों से फैलता है. ये मच्छर इन पक्षियों के लिए काफी जानलेवा साबित हो रहे हैं.
प्रयोगशाला में तैयार हुए मच्छर
इसलिए वैज्ञानिक ना काटने वाले और प्रयोगशाला में तैयार किए गए नर मच्छरों को गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन पक्षियों को बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने इस तरीके को इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. ये मच्छर काटते नहीं हैं और इनमें एक खास तरह का बैक्टीरिया मौजूद है. यह बैक्टीरिया मच्छरों को बच्चे पैदा करने से रोकेगा जिससे संख्या कम हो सके.
क्या हुआ इसका फायदा?
अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इतनी बड़ी संख्या में मच्छरों को छोड़ने से कोई फायदा हुआ है या नहीं. लेकिन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे हनीक्रीपर पक्षियों को बचाया जा सकेगा. आपको बता दें कि मच्छर हवाई के मूल निवासी नहीं है. मच्छर यहां 1826 में एक व्हेलिंग जहाज से यहां आए थे. इसके बाद से ही यह हवाई के गर्म और नमी वाले मौसम में पनपने लगे.