184 मिलियन यूजर्स का डेटा लीक, फेसबुक-इंस्टाग्राम से लेकर बैंकिंग अकाउंट्स तक खतरे में
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184 मिलियन यूजर्स का डेटा लीक, फेसबुक-इंस्टाग्राम से लेकर बैंकिंग अकाउंट्स तक खतरे में

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जेरेमिया फाउलर की नई रिपोर्ट के अनुसार यह डेटा एक ऐसे डेटाबेस में मिला जो न तो पासवर्ड से सुरक्षित था और न ही एन्क्रिप्टेड. इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी व्यक्ति इस संवेदनशील जानकारी को आसानी से एक्सेस कर सकता था.

184 मिलियन यूजर्स का डेटा लीक, फेसबुक-इंस्टाग्राम से लेकर बैंकिंग अकाउंट्स तक खतरे में

एक खतरनाक साइबर हमले में 184 मिलियन से ज्यादा यूजर्स के यूजरनेम और पासवर्ड लीक हो गए हैं. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जेरेमिया फाउलर की नई रिपोर्ट के अनुसार यह डेटा एक ऐसे डेटाबेस में मिला जो न तो पासवर्ड से सुरक्षित था और न ही एन्क्रिप्टेड. इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी व्यक्ति इस संवेदनशील जानकारी को आसानी से एक्सेस कर सकता था.

किन प्लेटफॉर्म्स का डेटा हुआ लीक?
लीक हुए डेटा में ईमेल आईडी, यूजरनेम, पासवर्ड और लॉगिन पेज के लिंक शामिल हैं. ये क्रेडेंशियल्स दुनियाभर के लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स से जुड़े हैं जैसे:
• Facebook
• Instagram
• Microsoft
• Snapchat
• Roblox
• साथ ही कुछ बैंकिंग, हेल्थकेयर, और सरकारी पोर्टल्स भी इसमें शामिल हैं.

कैसे हुआ यह डेटा चोरी?
फाउलर के मुताबिक, यह जानकारी संभवतः इंफो-स्टीलर मालवेयर (infostealer malware) की मदद से इकट्ठा की गई है. यह मालवेयर चुपचाप यूजर के डिवाइस से लॉगिन डिटेल्स, ऑटोफिल डेटा, कुकीज, कीबोर्ड इनपुट और कभी-कभी स्क्रीनशॉट भी चुरा सकता है.

लीक हुआ डेटा कुल मिलाकर 47.42 GB का था. हैरानी की बात यह है कि फाउलर ने जब कुछ ईमेल आईडी वालों से संपर्क किया, तो कई लोगों ने बताया कि ये पासवर्ड्स असली हैं और वे आज भी इन्हीं का इस्तेमाल कर रहे हैं.

किसने किया लीक?
डेटाबेस के IP एड्रेस से दो डोमेन जुड़े पाए गए—एक बंद था और दूसरा रजिस्टर्ड ही नहीं था. इसका मतलब है कि इस लीक के पीछे किसका हाथ है, यह अब तक साफ नहीं है. यह जानकारी रिसर्च के लिए इकट्ठा की गई थी या किसी गलत मकसद से, इसका भी पता नहीं चला है. फाउलर द्वारा रिपोर्ट करने के बाद डेटाबेस को ऑफलाइन कर दिया गया.

क्या खतरे हो सकते हैं?
इस तरह की लीक से यूजर्स को कई बड़े खतरे हो सकते हैं:
• Identity theft (पहचान की चोरी)
• Account takeover (अकाउंट पर कब्जा)
• Financial fraud (धोखाधड़ी)
• Phishing attacks (फर्जी ईमेल या वेबसाइट से जानकारी चुराना)

कई लोग आज भी एक ही पासवर्ड कई जगह इस्तेमाल करते हैं, जिससे एक अकाउंट से बाकी सभी अकाउंट्स भी खतरे में आ जाते हैं.

कैसे बचाव करें?
• हर अकाउंट के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड रखें
• पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें
• Two-Factor Authentication चालू करें
• सिस्टम को मालवेयर स्कैनर से चेक करें
• Have I Been Pwned जैसी वेबसाइट से पता लगाएं कि आपकी ईमेल किसी लीक में शामिल है या नहीं

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