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TCS layoff: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS (Tata Consultancy Services) ने रविवार को एक बड़ा फैसला लिया है. कंपनी ने बताया है कि वह इस साल अपनी 2% वर्कफोर्स यानी करीब 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाली है. यह फैसला खासतौर पर मिड और सीनियर मैनेजमेंट लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा.
क्यों हो रही है छंटनी?
TCS का कहना है कि ग्लोबल इकोनॉमिक अनसर्टेनटी और AI आधारित टेक्नोलॉजी में तेजी से हो रहे बदलाव उनके ऑपरेशंस को प्रभावित कर रहे हैं. ऐसे में कंपनी खुद को “फ्यूचर-रेडी” बना रही है और जिन कर्मचारियों की वर्तमान जरूरत नहीं रह गई है, उन्हें कंपनी से बाहर किया जाएगा.
TCS के CEO का आया जवाब
TCS के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर के. कृतिवासन ने मनीकंट्रोल को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, “नहीं, यह छंटनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से मिलने वाले 20% प्रोडक्टिविटी बढ़ने की वजह से नहीं हो रही है. हम ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं. यह फैसला वहां लिया जा रहा है जहां स्किल्स का मेल नहीं बैठ रहा या फिर जहां हमें किसी को प्रॉजेक्ट में लगाने में दिक्कत आ रही है.” उन्होंने आगे कहा, “यह इसलिए नहीं हो रहा कि हमें अब कम लोगों की जरूरत है. हम अभी भी अच्छे टैलेंट को ढूंढते रहेंगे, उन्हें भर्ती करेंगे और ट्रेन भी करेंगे. ये सारी चीजें चलती रहेंगी. ये फैसला सिर्फ वहां लिया जा रहा है जहां किसी को तैनात करना संभव नहीं हो पा रहा है.”
कितने लोगों पर असर?
TCS के मुताबिक, उसके पास इस वक्त 6.13 लाख कर्मचारी हैं. इनमें से लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी, जो कि कुल वर्कफोर्स का 2% हिस्सा है.
छंटनी के बाद कर्मचारियों को क्या मदद मिलेगी?
कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि जिन कर्मचारियों की छंटनी होगी, उन्हें उचित लाभ और मदद दी जाएगी:
• नोटिस पीरियड के पैसे और सेवेरेंस बेनिफिट्स
• काउंसलिंग और कॅरियर ट्रांजिशन सहायता
• इंश्योरेंस कवर का एक्सटेंशन
• आउटप्लेसमेंट (नई नौकरी में मदद)
TCS का कहना है कि वह इस प्रक्रिया को पूरी संवेदनशीलता से कर रही है ताकि क्लाइंट सर्विस पर कोई असर न पड़े.
क्या है नई बेंच पॉलिसी विवाद का कारण?
TCS ने हाल ही में अपनी बेंच पॉलिसी बदली है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी साल में सिर्फ 35 दिन तक प्रोजेक्ट से बाहर रह सकता है. साथ ही, 225 दिन तक बिलेबल यानी प्रोजेक्ट पर होना जरूरी है. इसी पॉलिसी को लेकर अंदरूनी असंतोष भी बताया जा रहा है. इसके साथ ही, कंपनी ने हाल ही में 600 अनुभवी लोगों की जॉइनिंग में देरी भी कर दी है, जिससे चिंताएं और बढ़ गई हैं.
ग्लोबल टेक सेक्टर की हालत भी गंभीर
TCS अकेली कंपनी नहीं है जो छंटनी कर रही है. Layoffs.fyi की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक 169 कंपनियों में 80,000 से ज्यादा टेक प्रोफेशनल्स की नौकरियां जा चुकी हैं.
• Microsoft ने अकेले 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की है, जो उनकी कुल वर्कफोर्स का 7% है.
• 2024 में करीब 1.5 लाख लोगों की नौकरी गई थी.
Q1. TCS किन कर्मचारियों की छंटनी कर रही है?
Ans: मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों की.
Q2. क्या TCS नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को कोई मदद दे रही है?
Ans: हां, उन्हें नोटिस पीरियड पे, सेवेरेंस बेनिफिट, काउंसलिंग, और इंश्योरेंस कवरेज जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
Q3. क्या केवल TCS में ही छंटनी हो रही है?
Ans: नहीं, Microsoft और दूसरी ग्लोबल टेक कंपनियों में भी भारी छंटनी हो रही है.