बांग्लादेश ने PM मोदी को आम क्यों भेजे? भारत से मीठे रिश्तों की चाहत! मोहम्मद यूनुस के मन आखिर चल क्या रहा है?
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बांग्लादेश ने PM मोदी को आम क्यों भेजे? भारत से मीठे रिश्तों की चाहत! मोहम्मद यूनुस के मन आखिर चल क्या रहा है?

Bangladesh India Tension: लंबे समय से चीन की गोद में बैठकर भारत विरोधी गेम खेल रहे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के आका ने पीएम मोदी को आम भेजे तो इसके मायने निकाले जा रहे हैं. यूनुस सरकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी आम भेज रही है. 

बांग्लादेश ने PM मोदी को आम क्यों भेजे? भारत से मीठे रिश्तों की चाहत! मोहम्मद यूनुस के मन आखिर चल क्या रहा है?

Muhammad Yunus Sends Mangoes: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने भारत के साथ 'आम कूटनीति' शुरू की है. यह पहल विदेश मंत्रालय द्वारा यह कहे जाने के कुछ हफ़्ते बाद की गई है कि नई दिल्ली ढाका के साथ अनुकूल माहौल में सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. दोनों पड़ोसियों के बीच सद्भावना के तौर पर ढाका का मशहूर 'हरिभंगा' आम की 1000 किलोग्राम की खेप भेजी है.

भारत-बांग्लादेश रिश्तों में आई कड़वाहट आम से कम होगी?

बांग्लादेशी दैनिक डेली सन के अनुसार, नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के एक अधिकारी ने बताया कि यह खेप सोमवार को नई दिल्ली पहुंचेगी. प्रधानमंत्री मोदी और यूनुस की पिछली मुलाकात अप्रैल में बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने उस मुलातात के दौरान एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया था. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत संबंधों के लिए जन-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है, और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग पर प्रकाश डाला जिससे दोनों देशों के लोगों को ठोस लाभ हुआ है.

व्यवहार बदला क्या भारत विरोधी सोच भी बदलेगी?

यूनुस सरकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी आम भेज रही है. हरिभंगा बांग्लादेश से आने वाले आमों की एक उच्च-गुणवत्ता वाली किस्म है.

मैंगो डिप्लोमेसी 

हालांकि यूनुस ने आम भेजकर कोई नई लकीर नहीं खींची है. ये आम भेजने की प्रथा पिछली सरकारों के समय से चली आ रही है. लेकिन पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के बाद पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से ढाका और नई दिल्ली के बीच संबंध सबसे बुरे दौर में हैं. हसीना सरकार के नई दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. हालांकि, बांग्लादेश की नई कार्यवाहक सरकार ने क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देते हुए चीन और पाकिस्तान को साधने का विकल्प चुना.

मोहम्मद यूनुस सरकार द्वारा भारत में आम भेजने को सकारात्मक नजरिए से देखा जा रहा है. कूटनीतिक अशांति के बीच, बांग्लादेश की मैंगो डिप्लोमेसी को भारत के साथ संबंधों को मधुर बनाने की ढाका की पहल के रूप में देखा जा रहा है.

 

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