पाकिस्तान सिर्फ आतंक को ही नहीं पालता बल्कि पाकिस्तान में कट्टर मौलाना-मौलवी और कठमुल्लों की भरमार है. उनमें से बहुतों को सिर्फ और सिर्फ निकाह करना पसंद है, वो भी नाबालिगों से, अपने से कई गुना छोटी उम्र की लड़कियों से और जानते हैं?
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पाकिस्तान सिर्फ आतंक को ही नहीं पालता बल्कि पाकिस्तान में कट्टर मौलाना-मौलवी और कठमुल्लों की भरमार है. उनमें से बहुतों को सिर्फ और सिर्फ निकाह करना पसंद है, वो भी नाबालिगों से, अपने से कई गुना छोटी उम्र की लड़कियों से और जानते हैं? आज की तारीख में पाकिस्तान के ऐसे मौलाना चाइल्ड मैरिज बिल का विरोध कर रहे हैं. क्योंकि अगर पाकिस्तान में ये बिल लागू हुआ तो कुछ वहशी लोग नाबालिग बच्चियों को अपना शिकार नहीं बना पाएंगे. जबरन उनसे निकाह नहीं कर पाएंगे. इसीलिए पाकिस्तान की संसद ने नाबालिग बच्चियों के लिए 'नर्क' बन चुकी सामाजिक कुरीति को बैन करने का फैसला लिया है.
इसके बाद कट्टरपंथियों ने हायतौबा मचाना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि ये ये बिल आया है. आसान शब्दों में कहूं तो ये खिलाफ-ए-शरियत है. नाजायज बिल है. जो मुद्दत हमने तय कर ली ना ये दुनिया के किसी मुस्लिम मुल्क में आज भी नहीं है.
दूसरा बोला - जितना पढ़ाना था आपने पढ़ा दिया...अब रिश्ता आता है तो पढ़ाई की वजह से रिश्ते में देरी मत करो.
तीसरा बोला- उम्र की शर्त जो है... उसका कहीं जिक्र नही है.
चौथे ने कहा - ये बिल इस्लाम के भी खिलाफ है. अक्ल के भी खिलाफ है. बच्चियों की जिंदगी का बेड़ा गर्क होगा इससे.
आज की तारीख में पाकिस्तान का हर कट्टर मौलाना, हर कठमुल्ला सुलगा हुआ है. भले ही उम्र 60 के पार जा चुकी हो चुकी. दाढ़ी सफेद हो चुकी हो मगर पाकिस्तान में कुछ ऐसा हुआ है,जिसके चलते कट्टर मौलाना-मौलवियों के तन-बदन में आग लगी हुई है.
'इस्लाम में शादी की कोई उम्र तय नहीं'
वो कह रहे हैं - इस्लाम में शादी की कोई ऐसी फिक्स उम्र मुकर्रर नहीं है कि जिस उम्र से पहले या उम्र के बाद शादी करने को जुर्म करार दिया जाए या उससे पहले जुर्म करार दिया जाए. इस तरह की शरियत के अंदर कोई रूकावट, सुन्नत के अंदर मौजूद नहीं है.
निकाह...निकाह और सिर्फ निकाह...कैमरा हो या टीवी चैनल. हर जगह पाकिस्तान की मुल्ला ब्रिगेड ने मोर्चा खोल रखा है. खबरें तो ये भी सामने आ रही है कि जल्द ही मौलाना फ़ज़ल-उर-रहमान की अगुवाई में पाकिस्तान के कट्टरपंथी सड़कों पर प्रोटेस्ट करने वाले है. शहबाज सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने वाले हैं.पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को घेरने वाले हैं,मगर क्यों?
क्या पाकिस्तान में मौलानाओं के निकाह करने पर बैन लगाया गया है?
क्या पाकिस्तान में एक से ज्यादा निकाह पर प्रतिबंध लगाया गया है?
या फिर वहां उम्रदराज लोगो को निकाह करने से रोका जा रहा है?
बेशक ये सवाल आपके जेहन में उठ रहे होंगे कि आखिर पाकिस्तान के मौलाना-मौलवी और उलेमा इतने आक्रामक क्यों हो गए.क्यों वो सड़कों पर उतरने की धमकी दे रहे हैं. तो इन सारे सवालों का जवाब जानने के लिए एक पाकिस्तानी यूट्यूबर को गौर से सुनना होगा.
उसने कहा, 'शर्मिला फारूखी अहमद ने 16 मई को नेशनल एसेंबली में बिल पेश किया और वो पास भी हो गया. शिरिर रहमान ने 19 मई को सीनेट में बिल पेश किया वहां पर भी ये बिल पास हो गया. अब ये जो है प्रेसिडेंट आसिफ अली जरदारी साहब के साइन करने की देर है. उसके बाद ये कानून बन जाएगा. इस वजह से ये मौलवी फजलुर रहमान जो है उसको बड़ी आग लगी हुई है. वो कह रहा है मुल्क भर में हम धरने देंगे.
71 साल का मौलाना फजलुर रहमान जिसकी दाढ़ी झक सफेद हो चुकी है. बढ़ती उम्र के चलते कमर झुक चुकी है. मगर पाकिस्तान का ये सियासी मौलाना इस बात के लिए सड़कों पर उतरेगा. ताकि पाकिस्तान में चाइल्ड मैरिज एक्ट पास ना हो सके. नाबालिग बच्चों की शादी पर लगाम लगाने वाला कानून ना बन सके और जानते हैं मौलाना फजलुर रहमान के इस कट्टर सोच के पीछे की वजह है-इस्लामिक कानून जिसे शरिया के नाम से जाना जाता है.
शर्मनाक...बेहद शर्मनाक...
आखिर पाकिस्तान के मौलाना और कितना गिरेंगे. किस हद तक जाएंगे यकीन मानिए, आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि पाकिस्तान में कम उम्र की बच्चियों से जबरन निकाह करना. मासूम बच्चियों से निकाह करने के लिए उनके परिवार वालों पर दबाव बनाना बेहद ही आम बात है.
जहां तक बात अल्पसंख्यकों की है पाकिस्तान में हिंदू बेटी होना गुनाह है. क्योंकि पाकिस्तान के बूढे मौलाना-मौलवी अपनी हवस और वहशीपन के चलते पहले हिंदू बेटियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराते हैं और फिर नाजायज तरीके से उनसे निकाह करते हैं.
'पाकिस्तान में हिंदू लड़की होना गुनाह है'
तकरीबन पाकिस्तान में इस वक्त 19% औरतें ऐसी है जिनकी शादियां 18 साल की उम्र से कम हुई थी.तकरीबन 4% ऐसी है जिनकी शादियां 15 साल से कम हुई थी. इसमें कोई शक नहीं कि इनके शौहर अधेड़ उम्र के होते हैं. पाकिस्तान दुनिया में छठा चाइल्ड मैरिज के हिसाब से मुल्क है. लेकिन ये तो शहरों का आकड़ा है. जब हम रीजनल इलाकों को देखते हैं तो खास तौर सिंध में जहां पर बहुत सारी हिंदू बच्चियों को उठा लिया जाता है.बूढ़े-बूढ़े लोगों के साथ उनकी शादियां कर दी जाती है उन्हें मुसलमान बना दिया जाता है. दावा है कि तकरीबन 72% लड़कियां की शादियां 18 साल से कम उम्र में होती है र खैबर पख्तुनख्वा के ट्राइबल एरिया में ये आकड़ा 99% है.
अगर इस पाकिस्तानी यूट्यूबर के आंकड़े और दावे को सच माने तो पाकिस्तान के ट्राइबल इलाकों में तकरीबन हर नाबालिक लड़की से अधेड़ उम्र के लोग निकाह करते हैं. ऐसा करने के पीछे का मकसद भी साफ है नाबालिग लड़की से शादी करो. ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करो और इस्लाम को बचाओ. एक सड़कछाप बोला - इस्लाम क्या कहता है बच्चा तुम्हारा नहीं खाता है, वो अपनी किस्मत का लेकर आता है. अगर आपकी जेब में एक धेला भी नहीं है, तब भी आपको नस्ल रोकने की इजाजत नहीं देता है. ये अल्लाह की मर्जी पहले है और तुम्हारी औलाद बाद में है. खर्चे के ख़ौफ़ से नस्ल रोकना हराम है. उठाकर फेंक दो बाहर गली में नई तहतीब के अंडे हैं गंदे. अगर हमारे अब्बा 2 बच्चों के कायल होते तो हम पैदा न होते, हम तो चौथे नंबर पर हैं.
पाकिस्तान का ये कठमुल्ला उस मुल्क में आबादी बढ़ाने का पैगाम दे रहा है. जिसके बच्चे से लेकर शहंशाह तक सबके हाथ में भीख का कटोरा है. खाने को लाले पड़े है. एक वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल है. लेकिन कट्टर दकियानुसी सोच आज भी पाकिस्तानियों पर हावी है. इसी सोच ने पाकिस्तान को तबाह कर रखा है.सबको 3-4 बेगमें बनाने में दिलचस्पी है भले खुद की उम्र अधेड़ हो चुकी हो.पांव कब्र में लटके हो,लेकिन हसरते आज भी जवां है और ये हसरतें यहीं खत्म नहीं होती. मरने के बाद भी इनकों जन्नत में हूरें चाहिए भी पूरी 72.