रूस के INF Treaty से बाहर निकलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कुछ बड़े कदम उठाए हैं, क्योंकि रूस के एक फैसले ने ना सिर्फ अमेरिका बल्कि यूरोपीय देशों की टेंशन बढ़ा दी है.
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Trump Vs Putin: आजकल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर वॉर का खुमार सवार है. कभी वो दुनिया के देशों के साथ टैरिफ वॉर कर रहे हैं और जो देश शर्तें नहीं मान रहे, उन पर हाई टैरिफ लगा रहे हैं. तो कभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को परमाणु युद्ध के लिए उकसा रहे हैं. अमेरिका ने रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की चेतावनी के बाद रूस के पास 2 परमाणु सबमरीन भेजी तो अब पुतिन ने ऐसा जवाब दिया है, जिससे अमेरिका के साथ यूरोपीय देश भी टेंशन में आ गए हैं और अब नेटो में शामिल देश भी यकीनन पुतिन को उकसाने के लिए ट्रंप को कोस रहे होंगे.
आज आपको भी जानना चाहिए कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने ऐसा कौन सा फैसला कर दिया, जिसने अमेरिका और यूरोप दोनों को टेंशन में डाल दिया है और दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के बीच तनाव बढ़ गया है.
रूस ने परमाणु हथियारों से जुड़ी INF संधि यानि Intermediate-Range Nuclear Forces Treaty का पालन करने से इनकार कर दिया है.
वो अब छोटी और मध्यम दूरी की परमाणु मिसाइलों की तैनाती फिर से शुरू करेगा.
रूस ने ये भी कहा है कि अब ये तैनाती बिना किसी पूर्व चेतावनी के की जाएगी. यानि रूस अमेरिका या यूरोपीय देशों को नहीं बताएगा वो कहां पर परमाणु मिसाइलें तैनात कर रहा है.
कोल्ड वॉर के दौरान रूस और अमेरिका के बीच INF Treaty हुई थी. जिसके बाद दोनों देश 500 से 5500 किलोमीटर रेंज वाली परमाणु मिसाइलों की तैनाती नहीं करता था.
रूस के इस फैसले की वजह भी डोनाल्ड ट्रंप हैं. 2018 में ट्रंप के कार्यकाल के दौरान ही अमेरिका इस संधि से हट गया था. हालांकि रूस ने फैसला किया था जब तक अमेरिका अपने मिसाइल सिस्टम रूस की पहुंच में तैनात नहीं करता, तब तक वो भी परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं करेगा. अब रूस ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने अपनी परमाणु मिसाइलें डेनमार्क, फिलीपींस और आस्ट्रेलिया में भेजी हैं.
#DNAWithRahulSinha | ट्रंप का हाथों से इशारा..परमाणु हमला होगा! पुतिन अलर्ट नहीं करेंगे..पहले 'अटैक' करेंगे!#DNA #DonaldTrump #US #NuclearWeapon @RahulSinhaTV pic.twitter.com/vDycB1U6nr
— Zee News (@ZeeNews) August 6, 2025
इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने मेदवेदेव से बहस के बाद अपनी परमाणु सबमरीन को रूस के पास तैनात कर दिया. जिसके बाद रूस का संयम टूट गया. अब रूस ने कहा है कि वो अब परमाणु मिसाइलों की तैनाती को सीमित नहीं रहेगा. उसे जहां जरूरत महसूस होगी, वहां पर परमाणु हथियार तैनात किए जाएंगे. यानि अमेरिका की वजह से यूरोप मुश्किल में फंस गया है.
जिस वक्त रूस परमाणु संधि तोड़ने का फैसला कर रहा था, उस वक्त डोनाल्ड ट्रंप क्या कर रहे थे? आज आपको ये भी देखना चाहिए. उस वक्त ट्रंप व्हाइट हाउस की छत पर मौजूद थे और पत्रकारों को बता रहे थे कि वो यहां न्यूक्लियर मिसाइलों को लगाने की तैयारी कर रहे हैं. आप सुनकर चौक सकते हैं लेकिन व्हाइट हाउस में कुछ ऐसा ही चल रहा था. ट्रंप कुछ लोगों के साथ व्हाइट हाउस की छत पर नजर आए. पत्रकारों ने राष्ट्रपति ट्रंप को ऐसे टहलते हुए देखा तो उनसे पूछा कि वो क्या कर रहे हैं. इसके जवाब में ट्रंप ने न्यूक्लियर मिसाइलों का नाम लिया.
जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि वो व्हाइट हाउस की छत पर क्या कर रहे हैं तो उन्होंने मजाक में पत्रकारों से कहा कि वह न्यूक्लियर मिसाइल तैनात करने के लिए जगह की तलाश कर रहे हैं. जब पत्रकारों ने उनसे फिर पूछा कि छत पर क्या बनाना चाहते हैं तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा न्यूक्लियर मिसाइलें. इसके बाद उन्होंने मिसाइल के उड़ान भरने जैसा अपना हाथ हिलाया.
ट्रंप ने भले ही ये बात मजाक में कही हो लेकिन वो कब क्या कर जाएं कहा नहीं जा सकता और जिस वक्त रूस और अमेरिका के बीच परमाणु तनाव बढ़ रहा है, इस बात की चर्चा भी हो रही है कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस की छत से कहीं कोई बड़ा इशारा तो नहीं दे दिया. ये चर्चा इसलिए भी तेज हो रही है, क्योंकि आज ही के दिन अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु हमला किया था.