Dollar Power: ब्राजील में हुई समिट में पहला फैसला ये लिया गया था कि आने वाले वक्त में ब्रिक्स के सदस्य अपनी करेंसी में ही व्यापार करेंगे, जिसका सीधा मतलब होगा कि दुनिया के एक बड़े हिस्से से डॉलर का प्रभाव हट जाएगा.
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Donald Trump BRICS: उपभोक्ताओं से लेकर दवाइयों के क्षेत्र तक हर आकलन यही कहता है कि भारत पर ट्रंप का अत्याधिक टैरिफ अमेरिका के लिए ही नुकसानदायक साबित होगा.लेकिन ट्रंप टैरिफ बढ़ाने पर अड़े हुए हैं. जानते हैं क्यों? क्योंकि ट्रंप के लिए ये टैरिफ आर्थिक मुद्दा नहीं है बल्कि ये ब्लैकमेलिंग का हथियार है.
इसका पहला टारगेट है रूस का तेल और दूसरा टारगेट है. अमेरिका के सामने खड़ा ब्रिक्स गुट, जिसके एक सदस्य ने बुधवार को ट्रंप को खरी-खरी सुना दी. ब्रिक्स के ये सदस्य हैं ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस डिसिल्वा. ब्राजील के राष्ट्रपति ने ट्रंप पर क्या कहा ये आपको भी गौर से देखना चाहिए.
ब्राजील भी नहीं झुका
एक भाषण में ब्राजील के राष्ट्राध्यक्ष ने कहा, मैं जिनपिंग से बात कर लूंगा...मैं भारत के प्रधानमंत्री मोदी को न्योता भेज दूंगा. अगर पुतिन सफर कर पाते तो मैं उनको भी न्योता भेजता. लेकिन मैं ट्रंप से बात नहीं करूंगा क्योंकि वो बात करना ही नहीं चाहते, वो सिर्फ धमकाना चाहते हैं.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने ट्रंप के लिए इतने सख्त शब्दों का प्रयोग क्यों किया, इसकी वजह है ट्रंप के वो सख्त टैरिफ जो उन्होंने ब्रिक्स सदस्यों पर लगाए हैं. रूस का तेल सिर्फ एक बहाना है. ट्रंप का मकसद ब्रिक्स गुट को कमजोर करना है ताकि दुनिया में पश्चिमी जगत का दबदबा कायम रहे. आखिर ब्रिक्स गठबंधन से ट्रंप को इतनी नफरत क्यों है. ये समझने के लिए आपको पिछली ब्रिक्स समिट से हुई महत्वपूर्ण घोषणाओं को गौर से देखना और समझना चाहिए.
डॉलर का घटेगा रुतबा
ब्राजील में हुई समिट में पहला फैसला ये लिया गया था कि आने वाले वक्त में ब्रिक्स के सदस्य अपनी करेंसी में ही व्यापार करेंगे, जिसका सीधा मतलब होगा कि दुनिया के एक बड़े हिस्से से डॉलर का प्रभाव हट जाएगा.
ब्रिक्स सदस्यों में वर्ल्ड बैंक की तर्ज पर ब्रिक्स बैंक जैसी संस्था खड़ी करने भी सहमति बनी है.अगर ऐसा वित्तीय संस्थान बना तो पश्चिमी देशों से समर्थित वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं का महत्व कम हो जाएगा. ब्रिक्स सदस्यों ने ये भी तय किया है कि आतंक और आतंक परस्त देशों का सामना करने के लिए सामरिक सहयोग बढ़ाया जाएगा.अगर ऐसा हुआ तो एशिया और अफ्रीका के एक बड़े हिस्से में अमेरिका और उसके साथ खड़े पश्चिमी देशों को संगठित सामरिक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
ब्रिक्स में दरार डालना चाहते हैं ट्रंप
इसी वजह से ट्रंप हर हाल में ब्रिक्स सदस्यों को झुकाना चाहते हैं ताकि ब्रिक्स की एकता में दरार पड़ जाए. टैरिफ की धमकियों से ट्रंप ने दुनिया के 34 देशों को तो झुका लिया. लेकिन ब्रिक्स के भारत, चीन, रूस और ब्राजील जैसे महत्वपूर्ण सदस्यों को ट्रंप टस से मस नहीं कर पाए हैं.