भारत को मिला इन दो मिसाइलों का ऑफर, चीन और पाक के लिए साबित होंगी स्ट्रेंथ ब्रेकर!
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भारत को मिला इन दो मिसाइलों का ऑफर, चीन और पाक के लिए साबित होंगी स्ट्रेंथ ब्रेकर!

IAF gets Missile Offer: भारतीय वायु सेना ने हाल ही में रैम्पेज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. अब IAF को हवा से सतह पर मार करने वाली दो मिसाइलों का ऑफर मिला है. ये मिसाइलें दुश्मन के बंकरों और अड्डों को नष्ट करने की ताकत रखती हैं. इनके आने से भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूती मिल सकती है. 

भारत को मिला इन दो मिसाइलों का ऑफर, चीन और पाक के लिए साबित होंगी स्ट्रेंथ ब्रेकर!

IAF gets Missile Offer: भारतीय वायु सेना खुद को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है. हाल ही में इंडियन एयरफोर्स को हवा से सतह पर मार करने वाले रैम्पेज मिसाइल सिस्टम में सफलता मिली थी. अब IAF को दो और मिसाइलों का ऑफर मिला है, ये भी एयर टू सरफेस पर मार करने वाली मिसाइलें हैं. एक मिसाइल का नाम  विंड डेमन (Wind Demon) है और दूसरी मिसाइल का नाम आइस ब्रेकर (Ice Breaker) है.

  1. आइस ब्रेकर मिसाइल का मिला ऑफर
  2. राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने बनाया  

विंड डेमन मिसाइल
इस मिसाइल को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है. इसका वजन 308 पाउंड यानी 140 किलोग्राम के आसपास है. इस मिसाइल की रेंज भी 124 मील यानी 200 किलोमीटर के करीब है. यह एक हल्के वजन की मिसाइल है, जो हवा से सतह पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है. इसे हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट्स से इंटीग्रेट कर लॉन्च किया जा सकता है. इस मिसाइल में लेजर होमिंग सीकर्स और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम लगे हुए हैं, जो दिन या रात, किसी भी टाइम के ऑपरेशनों में सटीक निशाना लगाते हैं.

आइस ब्रेकर मिसाइल
आइस ब्रेकर मिसाइल को राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स द्वारा बनाया गया है. इस मिसाइल की अधिक जानकारी अभी बाहर नहीं है. लेकिन यह रैम्पेज की तरह ही सुपरसोनिक और लंबी रेंज वाली मिसाइल रहने वाली है. इसमें अपग्रेडेड नेविगेशन सिस्टम लगे हुए हैं, जो टारगेट को ट्रैक करने में मदद करते हैं.

इन दोनों मिसाइलों से क्या फायदा होने वाला है?
ये मिसाइलें लंबी दूरी के टारगेट्स को नष्ट कर सकती हैं. दुश्मन के बंकर या अन्य अड्डों को नेस्तनाबूद करने के लिए इनका इस्तेमाल हो सकता है. इनकी खास बात ये भी है कि इन्हें इजी टू एक्सेस लॉन्च प्लेटफॉर्म्स से लॉन्च किया जा सकता है. ये मिसाइलें कुछ मायनों में रैम्पेज की तुलना उन्नत हो सकती हैं. भारत रैम्पेज और रॉक्स सरीखी विदेशी मिसाइलों को पहले से ही स्थानीय स्तर पर बना रहा, अब ये मिसाइलें और मिल जाती हैं तो इंडिया के डिफेंस सेक्टर की और तरक्की होगी.

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