बॉर्डर पर भूलकर भी चीन-पाकिस्तान नहीं दिखाएगा आंख, 'FICV' लड़ाकू टैंक से बदलेगा जंग का मैदान!
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बॉर्डर पर भूलकर भी चीन-पाकिस्तान नहीं दिखाएगा आंख, 'FICV' लड़ाकू टैंक से बदलेगा जंग का मैदान!

भारत का FICV प्रोग्राम सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम है. ये फ्यूचरिस्टिक बख्तरबंद वाहन पुराने BMP-2/2K को रिप्लेस करेंगे. स्वदेशी तकनीक से बने FICV में एडवांस हथियार, डिजिटल नेटवर्क और ऑल-टेरेन ऑपरेशनल क्षमता होगी. 

बॉर्डर पर भूलकर भी चीन-पाकिस्तान नहीं दिखाएगा आंख, 'FICV' लड़ाकू टैंक से बदलेगा जंग का मैदान!

Indian fighter tanks FICV: भारत समय से आगे चलकर युद्ध की तैयारियों के लिए जुट गया है. इसके लिए थल सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 'FICV' यानी Futuristic Infantry Combat Vehicle प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. 2023 में सरकार द्वारा स्वीकृत यह प्रोजेक्ट पुरानी BMP-2/2K गाड़ियों की जगह लेगा और युद्धक्षेत्र में भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाएगा. 'मेक इन इंडिया' के तहत स्वदेशी तकनीक से विकसित किए जा रहे इन वाहनों में एडवांस हथियार, डिजिटल नेटवर्किंग, एक्टिव प्रोटेक्शन और हाई मोबिलिटी जैसी क्षमताएं होंगी. ये वाहन रेगिस्तान, पहाड़ और मैदान, हर भूभाग में ऑपरेशन के लिए तैयार होंगे, जिससे चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत की पकड़ और मजबूत होगी.

  1. भारत बना रहा अगली पीढ़ी का स्वदेशी बख्तरबंद लड़ाकू टैंक
  2. रेगिस्तान, पहाड़ और मैदान में ऑपरेशन के लिए होगा तैयार

क्या है FICV टैंक?
FICV यानी फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, भारत की थल सेना के लिए तैयार किया जा रहा एक अत्याधुनिक बख्तरबंद वाहन (टैंक) है. इसका मकसद सेना को नए जमाने की तकनीकों से लैस कर युद्धक्षेत्र में बेहतर मूवमेंट और मारक क्षमता देना है.

भारत सरकार ने 2023 में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी और फिलहाल ये गाड़ियां टेक्निकल टेस्टिंग के दौर (TEC) से गुजर रही हैं. यह कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' कैंपेन का हिस्सा है, जिससे भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है.

पुराने टैंकों की लेगा जगह
FICV पुराने BMP-2/2K टैंकों की जगह लेंगे, जो कई दशकों से सेवा में हैं. नए टैंक जमीन पर लड़ाई के हर पहलू पर खरा उतरेंगे. जो फायरपावर, मूवमेंट, सुरक्षा और कम्युनिकेशन में जबरदस्त सुधार लेकर आएंगे. 

इस प्रोग्राम में निजी रक्षा कंपनियां और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां मिलकर काम कर रही हैं. यह भारतीय सेना की उस योजना का हिस्सा है जिसमें हल्के टैंक, अटैक हेलिकॉप्टर, ड्रोन और स्वार्म टेक्नोलॉजी जैसी नई क्षमताएं भी शामिल हैं.

क्या होगी इस टैंक की खासियत?
FICV में मॉड्यूलर डिजाइन होगा. जिसकी मदद से इसे, अलग-अलग जरूरतों के मुताबिक कस्टमाइज किया जा सकेगा. इसमें एडवांस्ड वेपन सिस्टम, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम और डिजिटल वॉरफेयर डिवाइस शामिल होंगे जो इसे 21वीं सदी के युद्ध के लिए तैयार बनाएंगे.

इन टैंकों में ड्रोन और आर्टिलरी जैसे दूसरे हथियारों से कॉर्डिनेट करके ऑपरेशन चलाने की क्षमता होगी. जिसका मतलब है, हाई-ऑल्टीट्यूड, रेगिस्तान और मैदानी इलाकों में यह आसानी से काम कर सकेगा. जिससे सेना को हर क्षेत्र में समान ताकत मिलेगी.

चीन-पाक बॉर्डर पर बढ़ेगी सुरक्षा
IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर खतरों से निपटने के लिए FICV एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है. इसकी तेज मूवमेंट, एडवांस्ड फायरिंग और बेहतर सर्विलांस क्षमता, बॉर्डर पर चौबीसों घंटे निगरानी रखने में मदद करेगी.

भारत ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब दुनिया भर में युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं. भविष्य में चीन और पाकिस्तान की किसी भी सैन्य गतिविधियों के बीच, यह बख्तरबंद वाहन भारतीय सेना को रणनीतिक बढ़त देगा. इसके आने से फील्ड डोमिनेशन में भारत को निर्णायक लाभ मिलेगा और दुश्मन की घुसपैठ या हमला करने की हिम्मत कमजोर होगी.

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