Anti Tank Javelin Missile: भारत और चीन के बीच साल 2020 में गलवान घाटी में विवाद हुआ. इस दौरान चीन के टैंकों की तैनात हुई. तब भारत को ऐसी मिसाइल की जरूरत महसूस हुई जो इन टैंकों को उड़ा सके. जरूरी बात है कि जिसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाए और आसानी से लॉन्च हो सके. अब ये तलाश पूरी होती हुई दिख रही है.
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Anti Tank Javelin Missile: भारत हर मोर्चे पर दुश्मन को फेल करने के लिए अपनी मिलिट्री पावर में इजाफा कर रहा है. अब भारत ने ने अमेरिका से 'जैवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल' खरीदने की योजना बनाई है. रक्षा सचिव आरके सिंह ने बताया कि यह खरीद आपातकालीन और दीर्घकालिक दोनों तरीकों से होगी. चीन और पाकिस्तान से सीमा पर बढ़ते हुए तनाव को देखते हुए भारत के लिए यह मिसाइल बड़ी ताकत बन सकती है.
जैवलिन मिसाइल में क्या खूबियां?
जैवलिन एक लेटेस्ट मिसाइल है, जिसे अमेरिका की कंपनियों रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. यह कंधे पर रखकर चलाई जा सकती .
- यह मिसाइल 2.5 से 4 किमी तक टैंक को निशाना बनाती है.
- यह टैंक के ऊपरी हिस्से पर अटैक करती है, जो टैंक का कमजोर हिस्सा है.
- इसका वजन मात्र इसका वजन केवल 11.8 किलो ही है.
- पहाड़ी और रेगिस्तानी इलाकों में इसका आसानी से इस्तेमाल हो सकता है.
BDL के साथ समझौता भी हुआ
फरवरी 2025 में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) और जैवलिन जॉइंट वेंचर के बीच एक समझौता हुआ. इस समझौते के तहत भारत में मिसाइल बनाने की संभावना तलाशी जा रही है. यदि सौदे के मुताबिक इस मिसाइल का निर्माण भारत में होता है तो इससे ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा.
चीन को कड़ी टक्कर मिलने वाली है
साल 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद हुआ. गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ गया था. तब भारत को ऐसे टैंकों की जरूरत पड़ी जो पहाड़ी इलाकों में जाकर चीन का सामना कर सकते हैं, इसलिए लाइट टैंक्स का निर्माण शुरू हुआ. इसके साथ ही भारत को ऐसी मिसाइलों की भी जरूरत महसूस हुई जो आसानी से लॉन्च हो सकें और चीनी टैंक्स का खात्मा कर सकें. ये अमेरिकी मिसाइल भारत की इसी जरूरत को पूरा कर सकती है.