भारत ने कारगिल में कराई C-17 की लैंडिंग, इससे चीन-पाक के मंसूबे कैसे होंगे फेल?
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भारत ने कारगिल में कराई C-17 की लैंडिंग, इससे चीन-पाक के मंसूबे कैसे होंगे फेल?

 C-17 Globemaster Landing in Kargil: भारत ने कारगिल में सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट की लैंडिंग कराई, जो सफल हुई है. अब इस इलाके में भारत को जबरदस्त सैन्य मजबूती मिलने वाली है. रिपोर्ट्स में दावा है कि इससे भारत का मूवमेंट और लॉजेस्टिक सपोर्ट 4 गुना तक बढ़ेगा.

भारत ने कारगिल में कराई C-17 की लैंडिंग, इससे चीन-पाक के मंसूबे कैसे होंगे फेल?

नई दिल्ली: C-17 Globemaster Landing in Kargil: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर हमेशा दुश्मन की नजर रही है. भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान अक्सर इन इलाकों में घुसपैठ की कोशिश करते हैं. यही कारण है कि भारत ने अब इस इलाके में अपनी सैन्य मजबूती को बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. भारत की नई रणनीति चीन और पाकिस्तान के मंसूबों को मात दे सकती है.

  1. लॉजेस्टिक सपोर्ट 4 गुना बढ़ेगा
  2.  चीन और पाक के मंसूबे होंगे फेल

कारगिल में हुई सी-17 ग्लोबमास्टर की लैंडिंग
दरअसल, भारत ने कारगिल एयरस्ट्रिप पर पहली बार इंडियन एयरफोर्स का सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट को उतारा है. करगिल में बुधवार को हुई ये लैंडिंग सफल बताई जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट सेना के मूवमेंट और लॉजेस्टिक सपोर्ट पहले से 4 गुना बढ़ा देगा.

भारत को कैसे मिलेगी ताकत?
दरअसल, लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास बर्फबारी होने पर सैन्य सामान और सैनिक पहुंचाने में काफी तकलीफ होती है. सड़क मार्ग बर्फ जमा होने के कारण बंद हो जाता है. ऐसे में इकलौता जरिया हवाई मार्ग बचता है, जिसका इस्तेमाल करते हुए एयरक्राफ्ट से सामान और सैनिक पहुंचाए जाते हैं. अब तक An-32 और C-130J से हवाई मार्ग के जरिये सामान ले जाया जाता था. An-32 की लोड कैपेसिटी 3 से 4 टन और C-130 J सुपर हर्क्यूलिस की 6 से 7 टन है. इनकी तुलना में C-17 ग्लोबमास्टर 3 से 4 गुना अधिक वजन उठाने में सक्षम है. सर्दियों में ये 30 से 35 टन और गर्मियों में 20 से 25 टन लोड उठा सकता है. C-17 में 180 से ज्यादा सैनिकों को वॉर फ्रंट तक ले जाया जा सकता है.

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर दुश्मन की नजर
पाक ने 1999 में कारगिल में घुसपैठ करने की कोशिश की, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया था. इसके बाद साल 2020 में चीन ने भी पूर्वी लद्दाख में इसी तरह की घटना को अंजाम देने की कोशिश की. दुश्मनों की बढ़ती नापाक हरकत के चलते भारत ने ये बड़ा कदम उठाया है, इसका दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है.

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