भारतीय सेना ‘लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल’ से होगी लैस; दुश्मनों ने की घुसपैठ की कोशिश, तो वहीं होगा काम-तमाम!
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भारतीय सेना ‘लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल’ से होगी लैस; दुश्मनों ने की घुसपैठ की कोशिश, तो वहीं होगा काम-तमाम!

भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (LSV) खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है. ये वाहन देश की सीमाओं पर तुरंत कार्रवाई और घुसपैठ रोकने में मददगार साबित होंगे.

भारतीय सेना ‘लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल’ से होगी लैस; दुश्मनों ने की घुसपैठ की कोशिश, तो वहीं होगा काम-तमाम!

भारत हजारों किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान-चीन से साझा करता है. जिनमें सैकड़ों किलोमीटर के इलाके काफी दुर्गम हैं. जहां पर सीमा-सुरक्षा काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. वहीं पहलगाम आतंकी हमले की शुरूआती जांच भी बॉर्डर से जुड़ा हुआ पाया गया. जहां आतंकियों ने पाकिस्तानी सीमा से घुसपैठ की थी. ऐसे में भारत सरकार एक्शन मोड में काम कर रही है. इसी कड़ी में भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत ‘लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल’ (LSV) की खरीद के लिए एक टेंडर (RFI) जारी किया है. ये वाहन हल्के लेकिन घातक होंगे. ऐसे में आइए जानते हैं इन वाहनों की तैनाती कहां होगी, और इनकी खासियत क्या है.

  1. इंडियन आर्मी को जल्द मिलेगी LSV, RFI जारी
  2. बॉर्डर के दुर्गम इलाकों में बढ़ेगी ऑपरेशनल क्षमता

घातक LSV वाहनों के लिए टेंडर जारी
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय सेना के लिए बड़ी संख्या में ‘लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल’ (LSV) खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए RFI (Request for Information) जारी किया गया है. IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम सेना की क्षमता को आधुनिक बनाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में तुरंत कार्रवाई के लिए उठाया गया है.

क्या होगी इन वाहनों की खासियत?
इन वाहनों की खासियत कुछ ऐसी है कि देखते ही दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक LSV हल्के, तेज रफ्तार और कठिन इलाकों में चलने में सक्षम होंगे. इनकी कुल लंबाई 5 मीटर से कम रहेगी. वहीं, चौड़ाई 2.25 मीटर और ऊंचाई 2.25 मीटर से अधिक नहीं होगी. जिसकी मदद से ये संकरे और दुर्गम रास्तों में आसानी से चल सकने में सक्षम होंगे. 

साथ ही, इनका वजन बिना लोड के 3750 किलो से अधिक नहीं होगा, जिससे इन्हें एयरलिफ्ट करना भी आसान हो जाएगा. इन वाहनों में कम से कम चार सैनिक बैठ सकेंगे और ये छोटे हथियारों की गोलियों से सुरक्षा भी प्रदान करेंगे. खासतौर पर इनका केबिन और इंजन 7.62 मिमी SLR की गोलियों को 30 मीटर दूरी से झेल सकेंगे. विंडस्क्रीन और साइड ग्लास भी सुरक्षा मानकों पर खरे उतरेंगे.

कहां पर होगी इनकी तैनाती?
भारतीय सेना की वर्तमान जरूरत दुर्गम इलाकों में पेट्रोलिंग की है. खासकर चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर. जहां गश्त करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है. ऐसे में इन वाहनों की तैनाती लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर की जाएगी. खासकर लद्दाख, सियाचिन और पूर्वी इलाकों में, जहां ऊंचाई और मौसम चैलेंजिंग रहते हैं.

इतना ही नहीं, इन वाहनों को इस तरह बनाया जाएगा. जो न केवल सैन्य ऑपरेशन में मददगार होंगे, बल्कि जवानों को भी सुरक्षा देंगे. बता दें, LSV को ‘हिट एंड रन’ ऑपरेशन, गश्त और रीकॉन मिशनों में इस्तेमाल किया जाएगा. यानी दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई के तुरंत बाद यह मूव कर जाएगी. जिसके चलते घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी.

मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
रक्षा मंत्रालय ने RFI जारी करते हुए स्पष्ट किया है, इन वाहनों के लिए घरेलू निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी. इससे ‘मेक इन इंडिया’ और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही इससे भारत में रक्षा तकनीक का विकास भी होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. सेना के लिए जरूरी तकनीक का देश में निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी एक बड़ी उपलब्धि होगी.

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