S-400 missile India: भारत की डिफेंस सिस्टम की रीढ़ S-400 की फैक्ट्री देश में ही लगानी की बात चल रही हैं. जो न केवल भारत के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा, बल्कि विदेशी निर्भरता को काफी हद तक कम करेगा.
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S-400 missile factory in india: भारत अपनी हवाई सुरक्षा को और भी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. रक्षा सचिव आर. के. सिंह ने घोषणा की है कि भारत रूस के अत्याधुनिक S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भारत में ही एक मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल फैसिलिटी स्थापित करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. यह कदम भारत की रक्षा रणनीति के लिए बेहद अहम है. आइए जानते हैं इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसके क्या मायने हैं.
S-400 भारत की हवाई सुरक्षा का अभेद्य कवच
S-400 दुनिया के सबसे एडवांस लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों में से एक है. यह 400 किलोमीटर तक की रेंज में विमानों, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाने में सक्षम है.
भारत ने 2018 में रूस के साथ पांच S-400 स्क्वाड्रन के लिए 5.43 बिलियन डॉलर का सौदा किया था, भले ही अमेरिका के CAATSA प्रतिबंधों का खतरा था.
जुलाई 2025 तक, तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं और ऑपरेशनल भी हो गए हैं. बाकी दो स्क्वाड्रन के मिड-2026 तक मिलने की उम्मीद है, जिसमें यूक्रेन संघर्ष में रूस की प्रतिबद्धताओं के कारण 2024 की मूल समय-सीमा से देरी हुई है.
'मेक इन इंडिया' के तहत कम होगी विदेशी निर्भरता
रक्षा सचिव आर. के. सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भारत में S-400 के लिए एक MRO फैसिलिटी स्थापित करने से परिचालन तत्परता सुनिश्चित होगी और विदेशी सपोर्ट पर निर्भरता कम होगी.
यह प्रस्तावित फैसिलिटी, जिसमें रूस के अल्माज-एंटेय और भारत की रक्षा फर्मों जैसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग शामिल होने की संभावना है, S-400 सिस्टम के रखरखाव, अपग्रेड और कंपोनेंट की मरम्मत का काम संभालेगी.
और भी S-400 स्क्वाड्रन खरीदने की तैयारी
रक्षा सचिव सिंह ने यह भी संकेत दिया कि मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट के तहत सभी लंबित प्रणालियों की डिलीवरी 2026 तक पूरी होने के बाद भारत अतिरिक्त S-400 यूनिट्स खरीदने पर विचार कर सकता है.
भारत खासकर क्षेत्रीय तनाव को देखते हुए किसी भी हाल में सुरक्षा से समझौता नहीं करने वाला है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं आने वाले समय में भारत के पास और भी एडवांस लेवल का एयर डिफेंस सिस्टम होगा.
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