Niti Aayog: बजट के बाद नीति आयोग की बैठक पर बवाल हो गया है. विपक्ष शासित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. ऐसे में समझिए कि नीति आयोग क्या है, इसकी बैठक क्यों होती है और शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक का थीम क्या है?
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नई दिल्लीः Niti Aayog: बजट में राज्यों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कुछ विपक्ष शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने 27 जुलाई यानी शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और पंजाब के सीएम भगवंत मान शामिल हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगी लेकिन वह इसमें अपना विरोध दर्ज कराएंगी. उन्होंने कहा, 'मुझसे बैठक से सात दिन पहले अपना लिखित भाषण भेजने के लिए कहा गया था, जो मैंने भेज दिया. यह केंद्रीय बजट पेश होने से पहले की बात है. अगर मुझे बैठक में अपना भाषण देने और विपक्ष शासित राज्यों के खिलाफ भेदभाव और राजनीतिक पूर्वाग्रह के अलावा बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने का मौका मिला, तो मैं ऐसा करूंगी, वरना मैं बैठक से बाहर चली जाऊंगी.' वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (झामुमो) के बैठक में शामिल होने की संभावना है.
नीति आयोग सरकार के थिंक टैंक के रूप में काम करता है. इसका पूरा नाम नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI Aayog) है. यह साल 2015 में अस्तित्व में आया. इससे पहले योजना आयोग सरकार के गैर संवैधानिक निकाय के रूप में काम करता था लेकिन सरकार का मानना था कि इसकी प्रासंगिकता नहीं रह गई है. ऐसे में नीति आयोग की स्थापना की गई. यह सहकारी संघवाद की भावना से काम करता है. इसमें राज्यों को समान भागीदारी है. नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं.
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, रणनीतियों पर व्यापक चर्चा के लिए नीति आयोग की बैठक होती है. इसका उद्देश्य राज्यों की सक्रिय भागीदारी और एक 'राष्ट्रीय एजेंडा' प्रदान करना है. साथ ही बेरोकटोक राज्यों को सुव्यवस्थित समर्थन और तंत्र के जरिए सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना है. ये बैठक नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की ओर से आयोजित की जाती है.
नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं. शनिवार को होने वाली नीति आयोग की 9वीं शासी परिषद की बैठक में विकसित भारत से जुड़े दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा होगी. भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ तैयार किया जा रहा है.
बता दें कि नीति आयोग को साल 2023 में 10 क्षेत्रीय विषयगत दृष्टिकोणों को समेकित कर ‘विकसित भारत एट 2047’ के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था.
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