MZN News: मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान गंभीर अपराध के आरोप झेल रहे 16 आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इनके खिलाफ एसआईटी ने चार्जशीट फाइल की थी. पूरी खबर पढ़ें.
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MZN News: मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने मंगलवार को एक बड़ा आदेश दिया है. दरअसल कोर्ट ने 2013 में जिले में हुए दंगों के मामले में 16 आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. अपर जिला न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) निशांत सिंगला ने 18 अप्रैल को सभी 16 आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में नाकामयाब रहा है.
स्पेशल सरकारी वकील नरेंद्र शर्मा ने बताया कि एसआईटी ने नगला बजुर्ग गांव के रहने वाले 16 आरोपियों नजर मोहम्मद, कासिम, जहीर, गयूर, मीर हसन, खालिद, गुलशेर, शमशाद, मुस्तफा, जानमोहम्मद, असगर, फारुख, अनवर, जान मोहम्मद, जावेद, मोहम्मद अय्यूब के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था.
उन्होंने बताया कि टीम ने इन लोगों को खिलाफ आरोप लगाया था कि इन आरोपियों ने 2013 में सोहनवीर सिंह सहित कई लोगों की ट्रैक्टर-ट्रॉली पर धारदार हथियारों और लाठियों से हमला किया था. इस हमले में सोहनवीर सिंह की मौत गई थी और कई लोग घायल हुए थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित पक्ष जिले के भोपा थाना इलाके के नगला बुजुर्ग के पास से गुजर रहे थे. वह एक पंचायत में शामिल होकर अपने गांव नगला मदोर लौट रहे थे. इसी दौरान आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया. इस मामले में सोहनवीर सिंह के बेटे जोगेंद्र सिंह ने भोपा थाने में केस दर्ज कराया था.
बता दें, सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर जिले में दंगे हुए थे. इस दौरान 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी थी और 40 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे. कई महीनों तक लोगों को शेल्टर्स में रहना पड़ा था. हालात नॉर्मल होने के बाद कुछ लोग अपने घर लौटे वहीं एक बड़ी तादाद में लोगों ने घर लौटने से इंकार कर दिया और आसपास के गांवों में बस गए.
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