दुनिया के इन देशों में पूरव की तरफ रुख करके नमाज़ अदा करते हैं मुसलमान
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दुनिया के इन देशों में पूरव की तरफ रुख करके नमाज़ अदा करते हैं मुसलमान

  • मुसलमान नमाज़ के दौरान उस दिशा की ओर मुंह करते हैं, जहां मक्का स्थित काबा शरीफ़ है, जिसे इस्लाम में इबादत का केंद्र माना जाता है.
  • भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों में मक्का पश्चिम में होने के कारण यहां मुसलमान पश्चिम की ओर इबादत करते हैं.
  • दिशा हर देश की भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करती है.

 

दुनिया के इन देशों में पूरव की तरफ रुख करके नमाज़ अदा करते हैं मुसलमान

Namaz Direction: जब भी कोई शख्स हिंदुस्तान में किसी मुसलमान को नमाज़ पढ़ते देखता है, तो वह अकसर यह सवाल करता है कि मुसलमान हमेशा पश्चिम की तरफ ही क्यों मुंह करके इबादत करते हैं? जबकि पूरी दुनिया का मुसलमान पश्चिम की दिशा में अपना मुंह कर नमाज़ नहीं पढ़ते हैं. कुछ देशों में पूर्व या उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम की तरफ रुख करके भी लोग नमाज़ अदा करते हैं. हालांकि, ऐसा क्यों होता है , इस सवाल का जवाब सिर्फ धार्मिक आस्था में नहीं, बल्कि इतिहास, भूगोल और इस्लामी परंपराओं में भी छिपा है. आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.

पश्चिम की तरफ मुंह करके क्यों पढ़ते हैं नमाज ? 

दरअसल, नमाज़ पढने के लिए पश्चिम की तरफ मुंह करने का आदेश नहीं दिया गया है. आदेश है कि दुनिया भर के मुसलमान क़िबला की तरफ अपना मुंह करके नमाज़ अदा करें.  क़िबला यानी काबा की ये मस्जिद सऊदी अरब के मक्का शहर में मौजूद हैं, जहाँ दुनिया भर के मुसलमान हज करने जाते हैं. इस डायरेक्शन या इस तरफ मुंह करके खड़ा होने को ही क़िबला का रुख कहा गया है, और इसी तरफ मुंह करके मुसलमान नमाज़ अदा करते हैं. 

क्या है काबा?

काबा एक पाक जगह है, जो इस्लाम का सेंटर माना जाता है. मुसलमानों का यकीन है कि काबा को सबसे पहले पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) और उनके बेटे इस्माईल (अलैहिस्सलाम) ने अल्लाह के हुक्म से बनाया था.  पैगंबर इब्राहीम एक खुदा में यकीन रखते थे. लेकिन, वक्त के साथ यहां मूर्ति पूजा शुरू हो गई. जब इस्लाम फैला तो यहां मुसलमान हज और उमरा करने लगे. 

इससे पहले था कोई और किबला

शुरुआत में, जब इस्लाम का एकदम नया दौर था और पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) मदीना में थे, उस समय मुसलमान बैतुल मुक़द्दस (यरुशलम) की जानिब मुंह करके नमाज़ पढ़ते थे. लेकिन बाद में अल्लाह के हुक्म से नमाज़ पढने के रुख बदलकर मक्का की तरफ कर दिया गया. इस बात का जिक्र कुरान में भी मिलता है. इस्लामी विद्वान् मानते हैं कि बैतुल मुक़द्दस या क़िबला की तरफ रुख करने का हुक्म भी इसलिए है कि दुनिया भर के मुसलमानों के बीच नमाज़ अदा करने के रुख को लेकर एकरूपता बनी रही. अगर ऐसा नहीं होता तो, एक ही मस्जिद में कुछ लोग पूर्व तो कुछ लोग पश्चिम या किसी अन्य दिशा में कहदे होकर नमाज़ अदा करते और इससे रोज़- रोज़ विवाद हो सकता था. इसलिए सभी को क़िबला की तरफ रुख करके नमाज़ पढने का हुक्म दिया गया. 

सिर्फ इन देशों में पश्चिम की तरफ मुंह करके नमाज़ पढ़ते हैं मुसलमान

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में रहने वालों के लिए मक्का पश्चिम की दिशा में पड़ता है. इसलिए इन देशों के मुसलमान जब नमाज़ पढ़ते हैं तो वह पश्चिम की तरफ मुंह करके खड़े होते हैं, ताकि उनका रुख काबा की जानिब हो. हालांकि यह जानना जरूरी है कि अमेरिका में मुसलमान पूर्व की तरफ रुख करते हैं. दक्षिण अफ्रीका में उत्तर-पूर्व की तरफ, और इंडोनेशिया में उत्तर-पश्चिम की तरफ.

इसलिए यह कहना कि "मुसलमान हमेशा पश्चिम की तरफ ही इबादत करते हैं", भूगोल के लिहाज़ से अधूरा है. यह दिशा हर देश की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक बदलती है, लेकिन मकसद हमेशा एक ही रहता है, काबा की ओर रुख करना.

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